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पेरिस पैरालंपिक में भारत ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 29 मेडल जीते। 29 मेडल में सात गोल्ड, 9 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज हासिल किए। भारत के 13 राज्य और शासित प्रदेश के खिलाड़ी मेडलिस्ट रहे। ओलंपिक की तरह पैरालंपिक में भी हरियाणा ने बाजी मारी।
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कर्नाटक के बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास यथिराज, बिहार के एथलीट शरद कुमार, नगालैंड के होकाटो सेमा और तेलंगाना की दीप्ति जीवानजी भी अपने-अपने राज्यों की इकलौते मेडलिस्ट रहे।
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सात ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपने राज्य से इकलौते मेडलिस्ट रहे। महाराष्ट्र के एथलीट सचिन खिलारी, हिमाचल प्रदेश के निशाद कुमार, दिल्ली के प्रवीण कुमार ने मेडल जीते हैं।
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मध्य प्रदेश के भी दो खिलाड़ी मेडल जीतकर देश लौटे हैं। निशानेबाज रुबिना फ्रांसिस ने SH1 पिस्टल शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता। वहीं कपिल परमार ने जूडो में देश को पहला पैरालंपिक मेडल दिलाया।
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जम्मू कश्मीर के भी खिलाड़ी मेडलिस्ट बने। पैरा तीरंदाज सिमरन शर्मा और राकेश शर्मा ने देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता। शीतल देवी ने मिक्स्ड टीम कंपाउंड में राकेश के साथ ही ब्रॉन्ज मेडल जीता। दोनों खिलाड़ी अपने सिंगल्स इवेंट में मेडल नहीं हासिल किए थे।
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उत्तर प्रदेश के तीन एथलीट मेडल जीतकर देश लौटे। मेरठ की प्रीति पाल ने T35 इवेंट में दो ब्रॉन्ज मेडल हासिल किए। सिमरन शर्मा T12 के 200 मीटर में ब्रॉन्ज मेडल जीता। जैवलिन थ्रोअर अजीत सिंह ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था।
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राजस्थान के भी तीन खिलाड़ियों ने मेडल जीते। निशानेबाज अवनी लेखरा और मोना अग्रवाल ने एक ही इवेट में क्रमश गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल जीता। वहीं सुंदर सिंह गुर्जर ने जैवलिन थ्रो में ब्रॉन्ज मेडल जीता।
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तमिनलाडु के चार खिलाड़ी मेडलिस्ट बनकर लौटे। इसमें बैडमिंटन खिलाड़ी नित्या श्री, मनीषा रामदास, तुलासिमाती मुरुगेसन और एथलीट मरियप्पन थांगावेलू का नाम शामिल हैं।
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हरियाणा के 8 खिलाड़ियों ने मेडल हासिल किए। एथलीट सुमित अंतिल, धर्मबीर नायन, नवदीप , योगेश काठुनिया, प्रणव सूरमा, निशानेबाज मनीष नरवाल, बैडमिंटन खिलाड़ी नितेश कुमार और तीरंदाज हरविंदर सिंह मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों में शामिल हैं।