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अल्जीरिया की महिला बॉक्सर इमान खलीफा ने पेरिस ओलंपिक 2024 में गोल्ड मेडल जीत लिया है। ईमान ने वुमेंस 66 किलोग्राम भार वर्ग में चीन की यांग लियू के खिलाफ फाइनल मुकाबले में गोल्ड मेडल जीता। लेकिन आपको बता दें अल्जीरिया की यह महिला बॉक्सर जेंडर आइडेंटिटी को लेकर चर्चाओं में हैं। (REUTERS Photo)
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यहां तक की इमान पर बायोलॉजिकल मेल होने का भी आरोप लगाया गया। दरअसल, ओलंपिक खेलों के छठे दिन इमान ने महिलाओं के 66 किलोग्राम भार वर्ग के शुरुआती मैच में अपनी इटली की प्रतिद्वंद्वी एंजेला कैरिनी को केवल 46 सेकंड में हरा दिया और विजेता घोषित की गईं। (REUTERS Photo)
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इस जीत के बाद इमान के जेंडर पर सवाल उठने लगे। लोगों का कहना था कि इमान खलीफ में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा पुरुषों की तरह है। इस आधार पर वह बायोलॉजिकली पुरुष हैं और बॉक्सिंग रिंग में एक महिला बॉक्सर के सामने पुरुष बॉक्सर को रखना गलत है। (PTI Photo)
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इससे पहले इमान खलीफ को 2023 बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप के गोल्ड मेडल मैच में भी कुछ घंटे पहले जेंडर को लेकर अयोग्य घोषित करार दिया गया था। दरअसल, ईमान डिफरेंसेस ऑफ सेक्स डेवलपमेंट (DSD) की समस्या से पीड़ित हैं। (REUTERS Photo)
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DSD से पीड़ित कुछ महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर अक्सर बहुत अधिक हो जाता है। टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन पुरुषों और महिलाओं दोनों के शरीर में होता है। लेकिन पुरुषों में इसका उत्पादन महिलाओं की तुलना में 20 गुना अधिक होता है। (REUTERS Photo)
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पुरुषों में जहां टेस्टोस्टेरोन अंडकोष में पैदा होता है, वहीं महिलाओं में यह अंडाशय में बनता है। यह हार्मोन पुरुषों में चेहरे के बाल, मांसपेशियों की वृद्धि, वोकल चेंजेस, आवाज का गहराना और यौन क्षमता के लिए जिम्मेदार होते हैं। (REUTERS Photo)
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इस हार्मोन को मर्दानगी के तौर पर देखा जाता है और इसे पुरुष या मर्दाना हार्मोन भी कहा जाता है। यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर मेडिकल सेंटर के अनुसार, पुरुषों के खून में इसका सामान्य स्तर 280 और 1,100 नैनोग्राम प्रति डेसीलीटर लीटर होता है, वहीं महिलाओं में यह 15 से 70 नैनोग्राम प्रति डेसीलीटर के बीच होता है। (REUTERS Photo)
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हालांकि, टेस्टोस्टेरोन के स्तर में उम्र के अनुसार बदलाव भी होते हैं। मगर शरीर में इसके ज्यादा उत्पादन की स्थिति को हाइपरएंड्रोजेनिज्म कहा जाता है। एक रिसर्च के अनुसार, इस डिसॉर्डर से दुनिया में करीब 5% महिलाएं प्रभावित हैं। (PTI Photo)
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जब किसी महिला में इस हार्मोन का स्तर ज्यादा होता है तो उसके चेहरे और शरीर पर बालों की ज्यादा ग्रोथ होने लगती है। हालांकि, हाई टेस्टोस्टेरोन मैदान में खिलाड़ियों को फायदा दिला सकता है, क्योंकि यह उनके शरीर को मजबूत बनाकर उनकी जीत की संभावना को बढ़ाता है। (REUTERS Photo)
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आपने गेम से पहले कुछ खिलाड़ियों के इंजेक्शन लेने की खबरें तो जरूर सुनी ही होंगी। दरअसल, ये टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाने वाले इंजेक्शन ही होते हैं। यही कारण है कि खेल शुरू होने से पहले खिलाड़ियों का टेस्टोस्टेरोन लेवल चेक किया जाता है। (PTI Photo)
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