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क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के लिए आज का दिन बेहद खास है। 24 अप्रैल 2020 को सचिन का 47वां जन्मदिन है। हालांकि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अहम योगदान देने वाले डॉक्टर्स नर्सों, पुलिसकर्मियों, सैन्यकर्मियों और सफाईकर्मियों के सम्मान में उन्होंने अपना जन्मदिन सेलिब्रेट करना का फैसला लिया है। फिर भी सोशल मीडिया पर उनके बर्थडे ट्रेंड कर रहा है। क्रिकेट, बिजनेस, बॉलीवुड से लेकर करोड़ों आम फैंस क्रिकेट के भगवान की तस्वीर शेयर कर उन्हें बधाइयां दे रहे हैं। इस खास अवसर पर हम आपको सचिन की निजी जिंदगी से जुड़ी वो बातें बता रहे हैं जिनके बारे में आप अंजान हैं। दिग्गज खिलाड़ी का सपना पहले बल्लेबाजी करना नहीं था। आइए डालते हैं तेंदुलकर के अनसुने फैक्ट्स पर एक नजर।
सचिन 14 साल की सबसे कम उम्र में रणजी टीम में एंट्री करने वाले पहले खिलाड़ी हैं। उनके घर में किसी का क्रिकेट से कोई लेना देना नहीं था, सचिन का क्रिकेटर बनना एक इत्तफाक है। -
सचिन तेंदुलकर अंधविश्वासी में भी भरोसा रखते हैं। वह जब भी किसी मैच में बल्लेबाजी के लिए तैयार होते हैं तो उस वक्त वो अपने बाएं पैर में पहले पैड पहनते थे, इसके अलावा सचिन अपने किटबैग में साईं भगवान की तस्वीर भी रखते थे। सचिन का मानना था कि ऐसा करने से उन्हें गुडलक मिलेगा।
सचिन ने 200 रन पूरे करने के बाद वीरू ने कहा था, मैं अंधविश्वास को मानता हूं। मैं शॉट पर तालियां नहीं बजाता क्योंकि मुझे डर लगता है कि जैसे ही मैंने ऐसे किया बल्लेबाज आउट हो जाएगा। सचिन जब 190 तक पहुंचे थे तब तक मैं ड्रेसिंग रूम में अपनी सीट पर बैठा रहा था और एक बार भी ताली नहीं बजाई थी। सचिन को हमेशा राईट हैंड से बैट और बाउल करते देखा होगा लेकिन शायद आपको ये ना पता हो कि वे खाते और लिखते लेफ्ट हैंड से हैं। जिस उम्र में स्टूडेंटस 10वीं के बोर्ड एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं उस उम्र में सचिन भारत की ओर से International Cricket मैच खेल खेल रहे थे। God Of Cricket सचिन तेंदुलकर 16 साल की उम्र में अब्दुल कादिर जैसे खतरनाक गेंदबाज को लगातार 4 छक्के मारकर चुप करा दिया था। -
सचिन तेंदुलकर को नींद में बात करने के साथ-साथ स्लीपवॉक करने की आदत है।
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सचिन तेंदुलकर के पास सबसे ज्यादा मैन ऑफ द मैच पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड है, जो एक खिलाड़ी को हार का सामना करना पड़ा था।
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सचिन ने अपने पहले टेस्ट के लिए मैन-ऑफ-मैच का पुरस्कार जीता, तो उन्हें शैंपेन की बोतल दी गई। हालाकिं, वह इसे खोल नहीं सकते थे क्योंकि वह 18 साल से कम उम्र (U.K. में शराब के सेवन की आयु सीमा) से कम थी। उन्होंने इसे अपनी बेटी सारा के जन्मदिन 1998 में खोला था।
