Mary Kom LoveStory: 6 बार विश्व और 5 बार एशियाई चैंपियन रह चुकीं मैरीकॉम की 12 मार्च को 15वीं मैरिज एनीवर्सरी है। इस बात का जानकारी खुद मैरी ने अपने सोशल अकाउंट पर दी है। मैरी ने तस्वीरें शेयर कर पति लिखा, ''एक सक्सेजफुल मैरिज में आप एक ही इंसान के साथ कई बार प्यार में पढ़ते हैं…मुझे प्यार करने..मेरी केयर करने और हर वक्त मेरा साथ देने के लिए धन्यवाद ऑनलेर..विश्वास और प्यार के साथ हमारे 15 साल पूरे हुए।'' मैरीकॉम की प्रोफेशनल लाइफ के बारे में तो आप सभी जानते हैं। आज हम आपको स्टार मुक्केबाज की लवस्टोरी को लेकर चर्चा करेंगे। पद्म श्री,पद्म भूषण, पद्म विभूषण और न जाने कितने खिताब जीतने वाली मैरीकॉम के इस सफर में उनका प्यार ढाल बनकर खड़ा रहा। कहना गलत नहीं होगा कि स्टार बॉक्सर में ऑनलेर ने मैरीकॉम की काफी मदद की। जानिए कैसे शुरू हुई मैरीकॉम और ऑनलेर की लव स्टोरी। (All Photos- Facebook) -
साल 2000 की बात जब मैरीकॉम ने बॉक्सिंग में जाने का सपना संजोया था। उसी दौरान अपने सपने को साकार करने के लिए परिवार से बगावत कर मैरी दिल्ली आ पहुंची थी। दो साल घर से दूर रहीं मैरीकॉम उस वक्त अकेलापल से परेशान थीं। उन दिनों मैरी न हिंदी ठीक से बोल पाती थीं और न ही इंग्लिश में ज्यादा नोलेज था। क्योंकि मैरी जिस इलाके से आती हैं वहां पर कोमा भाषा का प्रयोग होता है, जिसे राजधानी में कोई नहीं समझ सकता। तब उनके दिमाग में अक्सर यह खयाल आता था कि काश उनका भी अपना कोई दिल्ली में हो जो उनकी मदद करे।
करिअर की राह में मैरी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और इसी के साथ उन्हें तन्हाई भी कचोटने लगी थी। तभी बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेने के दौरान ही मैरीकॉम (मेंगटे चुंगनेइजंग) से मिलने पहली बार कोई आया। जब किसी ने मैरी को कहा कि तुमसे मिलने कोई आया तब उन्हें यकीन नहीं हुआ कि भला ऐसा कौन हो सकता है। मैरी जब ट्रेनिंग एरिया से बाहर आईं तो देखा दो शख्स उनसे मिलने आए हैं जो उनकी मदद करना चाहते थे। इनमें से एक ऑनलेर ही थे जो मैरीकॉम के हुनर को पहली ही देख चुके थे। हालांकि मैरी उस वक्त इन दोनों को नहीं जानती थी। उनके चेहरे पर हैरानी के हाव-भाव थे। -
उस वक्त मैरी को यह नहीं पता था कि यह अंजानी सी मुलाकात एक दिन उनकी जिंदगी बन जानी है। मैरीकॉम की ट्रेनिंग के दौरान ऑनलेर दिल्ली में कॉम-रेम स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष थे। यह यूनियन दिल्ली में रहकर पढ़ाई करने वाले नार्थईस्ट के छात्रों का ध्यान है और उनकी मदद करती है। ऑनलेर इसी उद्देश्य से मेरी से भी मिलने आए थे कि कोम इलाके की इस लड़की को जब मदद की जरूरत पड़े, तो यूनियन उसे सहयोग कर सके।
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ऑनलेर ने मैरी से कहा कि जब भी जरूरत हो वह बेझिजक होकर उन्हें फोन कर सकती हैं और मदद मांग सकती है। उस वक्त मैरीकॉम के दिल में ऑनलेर को लेकर एक बड़े भाई की फीलिंग आई थी, जो उनके लिए काफी फिक्रमंद था। ऑनलेर की ऐसी बातें सुन मैरी थोड़ा अच्छा मेहसूस करने लगी थीं कि कोई तो है दिल्ली में जिसे उनकी फिक्र है जो उनकी वक्त आने पर मदद कर सकता है। हालांकि उन्हें यह नहीं मालूम था कि जिसे वह बड़े भाई का दर्जा दे रही हैं वही एक दिन उनका हमसफर बनेगा।
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मैरी और ऑनलेर के बीच गहरी दोस्ती तब हुई जब एक ट्रेन यात्रा के दौरान मैरी ने अपना पासपोर्ट खो दिया। कुछ माह के बाद उन्हें एक प्रतियोगिता में पहली बार विदेश जाना था। पासपोर्ट खो जाने से वह काफी परेशान थीं। वह नहीं समझ पा रही थी कि क्या करें तब ऑनलेर ने उनकी मदद की। आखिरकार ऑनलेर ने कैसे भी करके मैरी के हाथ में नया पासपोर्ट बनवाकर दिया। तब मैरी को लगा कि दुनिया में कोई है जो उनका काफी खयाल रखता है जिससे वे अपना दुख बांट सकती हैं। इसी के बाद से दोनों के बीच का प्यार परवान चढ़ने लगा।
साल 2001 में मैरी कॉम जब पेनसिल्वेनिया के पहले विदेशी दौरे पर रवाना हुईं तो ऑनलेर काफी खुश थे। बाद में वह वर्ल्ड चैंपियनशिप से रजत पदक जीतकर लौटी तो दोनों और करीब आ गए। दोनों के बीच गहरी अटैचमेंट हो गई थी। मैरी उस दौरान ऑनलेर को पसंद करने लगी थीं लेकिन बॉक्सिंग टूर और ट्रेनिंग बिजी रहने के चलते वह जाहिर नहीं कर पाईं। उस दौरान में महिला बॉक्सिंग जितना लोकप्रिय होता जा रहा था लेकिन कैसे भी करके मैरी वक्त निकालकर ऑनलेर से मिलने चल देती थीं। -
अर्जुन अवॉर्ड मिलने के बाद ऑलनेर ने मैरी को शादी के लिए प्रपोज किया और कहा कि मैं तुम्हारे पिता से मिलना चाहता हूं। क्या तुम्हारे पिता मुझे पसंद करेंगे। बकौल मेरी ऑनलेर से यह बात सुन मैं हैरान रह गई। मैं बीस साल से ज्यादा की थी और एक लंबा और सुनहरा करियर मेरे सामने था। क्या मैं शादी के लिए तैयार थी। लेकिन मैं ये भी जानती थी कि मुझे इस जिंदगी में आनलेर जैसा जीवनसाथी नहीं मिल सकता है। मुझको उसे एक जवाब देना था, ताकि वह फिर मेरे माता-पिता से बात कर सके।
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इस शादी की बातचीत को लेकर कई बार मैरी के पिता ने ऑनलेर की बेइज्जती की और बुरा भला कहा लेकिन दोनों के बीच का प्यार इतना सच्चा था कि सबकी फिक्र छोड़ इंफाल जाकर इस कपल ने 2005 में शादी रचाई।
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पहली बार मैरी ने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया तो उनके पेरेंट्स ने देखे बिना रहा नहीं गया।
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बेटी को खुश देख मैरी और ऑनलेर के पेरेंट्स ने भी दोनों को अपना लिया। तीन बच्चे हैं और यह कपल एक खुशहाल लाइफ जी रहा है।