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किसी भी खेल में जितना महत्व खिलाड़ियों का होता है उतना ही महत्व रेफरी औय फिर अम्पायरों का भी होता है। क्रिकेट के खेल में तो अम्पायर के एक गलत फैसले से कैसे करोड़ों के दिल टूटते हैं ये कई मौकों पर देखा जा चुका है। क्रिकेट के खेल में अम्पायर हर एक बॉल पर अपनी पैनी नजर रखता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अम्पायर बना कैसे जाता है। अगर नहीं जानते तो आगे पढ़िए(All Photos: Agency & ICC)
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अम्पायर बनने के लिए आपको क्रिकेट के सभी नियमों की जानकारी होना प्राथमिक और सबसे जरूरी योग्यता है।
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अम्पायरिंग में करियर बनाने के लिए आपको Under 16, Under 19(सिटी), Under 19(जोनल) आदि लेवल्स का क्रिकेट खेलने का एक्सपिरीयंस होना जरूरी है।
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अम्पायरिंग के लिए राज्य स्तर की स्पोर्ट्स बॉडी समय समय पर रिटेन और प्रैक्टिकल टेस्ट कंडक्ट करवाती रहती है। स्टेट लेवल के अंपायर बनने के लिए आपको ये टेस्ट क्वालिफाई करना होगा।
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स्टेट लेवल के अम्पायरिंग टेस्ट को क्लियर करने के बाद आप रणजी लेवल के अम्पायरिंग वाले टेस्ट में शामिल हो सकते हैं।
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रणजी लेवल पर यदि आप 5 साल तक अम्पायरिंग का अनुभव जुटा लेते हैं आप ऑल इंडिया अम्पायरिंग टेस्ट में बैठ सकते हैं। ये टेस्ट BCCI की तरफ से आयोजित होता है।
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ये टेस्ट पास करने के बाद आप बीसीसीआई पैनल के लिए सेलेक्ट हो जाते हैं।
बीसीसीआई के पैनल में आने के बाद आपको कुछ महीने नेशनल लेवल पर अम्पायरिंग करनी होगी। इसके बाद आपको इंटरनेशनल लेवल पर मौका मिल सकता है।
