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मैदान पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले क्रिकेटर्स अक्सर अपने देश के लिए तीनों फॉर्मेट में खेलने का सपना देखते हैं। हालांकि, कुछ क्रिकेटर्स ऐसे भी होते हैं जिन्हें अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद भी तीनों फॉर्मेट में खेलना का मौका नहीं मिलता। आज हम आपको कुछ ऐसे ही क्रिकेटरों के बारे में बताने जा रहे हैं जो वनडे और टी-20 में सफल होने के बावजूद टेस्ट टीम में अपनी जगह बनाने में कामयाब नहीं रहे। इन खिलाड़ियों के नाम अपने देश की तरफ से सिर्फ एक टेस्ट मैच खेलने का रिकॉर्ड है, दूसरे मैच में टीम में शामिल होने का इन्हें मौका नहीं दिया गया। (फोटो सोर्स- पीटीआई)
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एल्बी मोर्कल : दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर खिलाड़ी एल्बी मोर्कल वनडे और टी-20 मैच में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे। 58 वनडे मैचों में मोर्कल के नाम 782 रन और 50 विकेट हैं। वहीं टी-20 के 51 मैचों में उन्होंने 572 रन बनाए और 26 विकेट अपने नाम किया। मोर्कल आईपीएल में भी काफी सफल रहे, इसके बावजूद वो सिर्फ अपनी टीम की तरफ से सिर्फ एक टेस्ट मैच खेलने में सफल रहे। मोर्कल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह मुकाबला साल 2009 में खेला था।(फोटो सोर्स- पीटीआई)
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आंद्रे रसेल : टी-20 में अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी से विपक्षी टीमों पर कहर बरपाने वाले वेस्टइंडीज के हरफनमौला खिलाड़ी आंद्रे रसेल के नाम भी सिर्फ एक टेस्ट मैच का ही रिकॉर्ड है। रसेल ने श्रीलंका के खिलाफ साल 2010 में अपना पहला और आखिरी टेस्ट मैच खेला था। वहीं रसेल वेस्टइंडीज के लिए अब तक 51 वनडे और 44 टी-20 मैच खेल चुके हैं। (फोटो सोर्स- Reuters )
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जेम्स फॉकनर : ऑस्ट्रेलियाई ऑल राउंडर खिलाड़ी जेम्स फॉकनर साल 2013 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया था। इस मैच में फॉकनर ने छह विकेट लिया। हालांकि, इसके बाद उन्हें टीम की तरफ से और टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला। वहीं, फॉकनर 69 वनडे और 24टी-20 मैच में टीम के लिए 96 और 36 विकेट हासिल करने में कामयाब रहे। (फोटो सोर्स- Reuters )
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आर विनय कुमार : भारतीय टीम के तेज गेंदबाज विनय कुमार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में पहला टेस्ट खेलने का मौका मिला था। साल 2012 में खेले गए इस मैच विनय कुमार का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। कुमार ने 13 ओवर में 73 रन खर्चे और एक विकेट अपने नाम किया। (फोटो सोर्स- पीटीआई)
