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भारतीय हॉकी टीम ने पिछले दो ओलंपिक गेम्स में देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में 41 साल बाद देश को ओलंपिक मेडल दिलाया। वहीं पेरिस में 52 साल बाद देश के लिए बैक टू बैक मेडल जीता। (फोटो साभार- Hockey India)
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इस समय को भारतीय हॉकी का उत्थान माना जा रहा है। ओलंपिक मेडल जीतने से पहले भारत ने एशियन गेम्स में गोल्ड जीता था। वहीं पेरिस से लौटने के बाद एशियन चैंपियंस ट्रॉफी जीती। (फोटो साभार- Hockey India)
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भारतीय हॉकी टीम देश को गौरवान्वित होने के कई मौके दे रही है लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए इन खिलाड़ियों को पैसा नहीं मिलता है। (फोटो साभार- Hockey India)
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जिस तरह बीसीसीआई क्रिकेटर्स को हर मैच खेलने के लिए फीस देती है वैसा कुछ हॉकी खिलाड़ियों के साथ नहीं होता है। हॉकी टीम को सिर्फ मैच खेलने के लिए कोई पैसा नहीं मिलता है। (फोटो साभार- Hockey India)
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भारतीय हॉकी खिलाड़ियों को पैसा केवल तब मिलता है जब वह मैच जीतें। हर एक मैच जीतने पर हॉकी खिलाड़ियों को 50 हजार रुपए दिए जाते हैं। जबकि मैच हारने पर उन्हें कुछ नहीं मिलता है। (फोटो साभार- Hockey India)
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टीम के खिलाड़ियों के कमाई का सबसे बड़ा जरिया उनकी सरकारी नौकरी है। मौजूदा भारतीय टीम में अधिकतर खिलाड़ी किसी न किसी सरकारी संस्थान से जुड़े हुए हैं। ऐसे संस्थान खिलाड़ियों को खेलने के लिए छुट्टी भी देते हैं और हर महीने सैलरी भी देते हैं। (फोटो साभार- Hockey India)
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भारतीय खिलाड़ी हार्दिक सिंह ने बताया कि इनामी राशि और नौकरी के कारण खिलाड़ियों का जोश बना रहता है। वह अपने परिवार की मदद कर पाते हैं। यह उनके लिए काफी अहम है। (फोटो साभार- Hockey India)