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भारत के पूर्व रेसलर संग्राम सिंह ने एमएमए की दुनिया में कदम रखा और इतिहास रच दिया। उन्होंने 21 सितंबर 2024 को जॉर्जिया के त्बिलिसी में हीरोज स्क्वायर 1 में गामा इंटरनेशनल फाइटिंग चैंपियनशिप में पाकिस्तान के अली रजा नासिर को मात दी। संग्राम एमएमए मैच में जीत हासिल करने वाले देश के पहले पुरुष पहलवान हैं। (फोटो साभार- jansatta)
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39 साल के संग्राम ने अपने भाई को देखकर पेशेवर पहलवान बनने का सपना देखा था। गठिया के रोगी होने के कारण संग्राम सिंह को अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। संग्राम सिंह बचपन में रुमेटॉइड गठिया से पीड़ित थे, जिसके कारण उन्हें तकरीबन 8 साल तक व्हीलचेयर की मदद लेनी पड़ी। ((फोटो साभार- Sangram Singh Instagram)
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साल 2012 में संग्राम को विश्व के सर्वश्रेष्ठ पेशेवर पहलवान का अवॉर्ड दिया गया। संग्राम ने 2015 और 2016 की कॉमनवेल्थ हैवीवेट चैम्पियनशिप में देश के लिए मेडल जीता। (फोटो साभार- jansatta)
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संग्राम सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ के पहले राजदूत (2014-2015) थे। संग्राम सिंह रेसलिंग के अलावा फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए काम करते रहे हैं। संग्राम भारत के फिट इंडिया मूवमेंट के आइकन और विकसित भारत और स्वच्छ भारत जैसे अभियानों के ब्रांड एंबेसडर रहे हैं। ((फोटो साभार- Sangram Singh Instagram)
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संग्राम सिंह अपने स्किल सेट को विकसित करने और उच्च स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने की उम्मीद के साथ एमएमए में आए। भारतीय कुश्ती में उनकी उपलब्धियों के कारण फैंस उन्हें एमएमए में देखने के लिए उत्साहित थे। संग्राम भारत में एमएमए को आगे बढ़ाने का काम भी करेंगे। (फोटो साभार- Sangram Singh Instagram)
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संग्राम सिंह ने इस नए अध्याय के लिए अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, “मैं एक ऐसे भविष्य की कल्पना करता हूं जहां भारतीय एथलीट अंतरराष्ट्रीय मंच पर गर्व से खड़े हों, और मिश्रित मार्शल आर्ट्स में अपना करियर विकसित कर सकें।’ (फोटो साभार- jansatta)
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संग्राम ने आगे बताया कि कुश्ती से एमएमए तक की उनकी यात्रा सिर्फ उनके लिए नहीं है। संग्राम को उम्मीद है कि वह भारत में इस खेल का विकास कर सकेंगे। इस पहलवान के मुताबिक वह सभी को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि अगर वह कोशिश करें तो सबकुछ कर सकते हैं। (फोटो साभार- Sangram Singh Instagram)