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पाकिस्तान के हाथों चैम्पियंस ट्रॉफी में मिली करारी हार के बाद टीम इंडिया के मनोबल पर जरूर असर पड़ा होगा। टीम के सामने खुद को फिर से खड़ा करने और कई मुश्किलों को पार करने की चुनौती होगी। 2019 के विश्व कप के लिए टीम इंडिया को अभी से तैयारी करनी होगी। महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह अगला विश्व कप खेल भी सकते हैं या नहीं भी। दोनों ही सूरत में भारत को एेसी बेंच स्ट्रेंथ तैयार करनी होगी, जो टीम को मुश्किलों से ऊबार सके और धोनी और युवराज की जगह लेकर मध्यक्रम को मजबूती दे सके। आपको बताते हैं उन 5 खिलाड़ियों के बारे में, जिनपर अगर ध्यान दिया गया, तो 2019 के विश्वकप में भारत की तकदीर बदल सकती है।
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के एल राहुल: टीम इंडिया के उभरते हुए बैट्समैन। उतरे हुए कंधे के कारण चैम्पियंस ट्रॉफी में नहीं खेल पाए थे। इससे पहले भी चोटिल रह चुके हैं। लेकिन जब भी मौका मिला है, उन्होंने खुद को साबित किया है और कप्तान विराट कोहली को भी उनपर पूरा भरोसा है। 2015 में अॉस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में सेंचुरी लगाने के बाद वह टेस्ट टीम के काफी अहम खिलाड़ी रहे हैं। 2016 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने टी20 मैच में 110 रन ठोक डाले थे।
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अजिंक्य रहाणे: टेस्ट क्रिकेट में 46.07 की औसत रखने वाले रहाणे एक क्लास प्लेयर हैं। अपनी टेक्नीक और काबिलियत के बूते वह वनडे टीम का अहम हिस्सा साबित हो सकते हैं। आईपीएल में भी रहाणे ने बतौर सलामी बल्लेबाज शानदार प्रदर्शन किया था। चैम्पियंस ट्रॉफी के एक भी मैच में उन्हें मौका नहीं मिला था, क्योंकि टीम को लगता था कि वह मीडिल ओवर में स्ट्राइल रोटेट नहीं कर पाएंगे।
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ऋषभ पंत: महेंद्र सिंह धोनी के बाद अगर विकेटकीपर बल्लेबाज को लेकर लोगों में उत्सुकता है तो वह पंत के लिए है। कम उम्र के बावजूद उनका अंडर 19 में प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। आईपीएल में शानदार खेल दिखाने के बाद उन्हें चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए चुना गया, लेकिन मैच नहीं खेल पाए। इस सीजन के 14 मैचों में उन्होंने 366 रन ठोक डाले थे, जिसमें एक शानदार शतक शामिल है।
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मनीष पांडे: चैम्पियंस ट्रॉफी से तुरंत पहले मनीष पांडे का चोटिल होना टीम इंडिया के लिए बड़ा झटका था। लेकिन अगर वह ठीक होते तो केदार जाधव या युवराज सिंह की जगह ले सकते थे। अॉस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच में उनके 104 रनों ने साबित कर दिया था कि वह एक अच्छे फिनिशर साबित हो सकते हैं। आईपीएल में उन्होंने केकेआर की ओर से बल्लेबाजी की थी।
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युजवेंद्र चहल: नीली जर्सी में बहुत कम मैच खेलने के बावजूद युजवेंद्र चहल एक कामयाब टी20 गेंदबाज हैं। उन्होंने आईपीएल में आरसीबी की तरफ से शानदार बॉलिंग की थी। इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद चहल ने सिर्फ 3 वनडे मैच खेले हैं, वो भी कमजोर जिम्बॉब्वे के खिलाफ।