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भारत के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी हरभजन सिंह ने 'एशियन पेंट्स' द्वारा आयोजित 'हर घर कुछ कहता है सीजन 3' के दूसरे एपिसोड में अपने घर और उस घर से जुड़ी यादों को ताजा किया है। इस एपिसोड को होस्ट किया है बॉलीवुड के जाने-माने कलाकार विनय पाठक ने। हरभजन सिंह अपने घर से जुड़ी यादों को बताते हुए कई बार भावुक भी हुए। वह इस घर को अपने पिता की याद के रूप में देखते हैं। उनका कहना है कि वह कभी भी अपने इस घर को नहीं बेचेंगे और अपने बच्चों को भी इस घर को बेचने को नहीं कहेंगे। हरभजन सिंह की गिनती क्रिकेट के उम्दा खिलाड़ियों में होती है। उन्होंने कई बार अपनी बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर भारतीय क्रिकेट फैन्स को अपना मुरीद बनाया है। टेस्ट मैचों में बतौर ऑफ-स्पिनर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले हरभजन सिंह ने मार्च 2016 में एशिया कप में अपना अभी तक का आखिरी मैच खेला था। फिलहाल, वह भारतीय टीम में वापसी को लेकर प्रयासरत हैं। आइए, आज हम आपको 'भज्जी' के जीवन से जुड़ी उन खास यादों से रूबरू कराते हैं, जो आज भी उनके लिए बहुत मायने रखती हैं। (सभी फोटोज सोर्स- इंस्टाग्राम)
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जालंधर के दौलतपुरी में हरभजन सिंह का घर है, जहां उन्होंने अपनी जिंदगी के 30 साल गुजारे हैं। उनका जन्म भी इसी घर में हुआ। उनका कहना है कि जब भी वह सपना देखते हैं, इसी घर का सपना आता है। सपने में इसी मुहल्ले को देखते हैं।
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हरभजन सिंह ने बताया कि उनका यह घर उनके पिता की आखिरी याद की तरह है, जिसे वह कभी बेचना नहीं चाहते और न अपने बच्चों को बेचने देंगे।
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यह हरभन सिंह के घर का वेड़ा है। घर का वह हिस्सा जो ऊपर से खुला रहता है, उसे पंजाबी भाषा में वेड़ा कहा जाता है। हरभजन ने बताया कि अमृतसर के हरविंदर सिंह जो इंडियन टीम में खेलते थे, उन्होंने बताया कि आपका नाम टीम में है। उस दिन उनके वेड़े में इतनी भीड़ जमा हो गई थी कि खड़े रहने के लिए भी जगह नहीं थी।
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यह उनके घर का किचन है। यह इस तरह से बना है कि यहां सूरज की रोशनी आती है।
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इस घर में हरभजन के पिता की एक वर्कशॉप थी, जहां पानी की गेट वॉल, व्हील वॉल जो बड़े पाइप में पानी की सप्लाई को रोकने और खोलने के लिए इस्तेमाल की जाती है, बनती थी। उन्होंने बताया कि उनके पिता नहीं चाहते थे कि उनके बच्चे भी यह काम करें, क्योंकि इस काम में मुनाफा बहुत कम था।
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भज्जी ने बताया कि जब उनका अच्छा टाइम आया और पिता का सपना पूरा हो रहा था, तभी उनका निधन हो गया था। यह बताते हुए वह भावुक हो गए थे। हालांकि, भज्जी के पिता ने उन्हें टीवी पर मैच खेलते हुए देखा था, लेकिन कभी स्टेडियम में आकर खेलते हुए नहीं देखा था।
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इस फोटो में हरभजन को पिता ने उठाया हुआ है। यह हरभजन सिंह की सबसे ज्यादा पसंदीदा तस्वीर है।
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यह उस वक्त की तस्वीर है, जब हरभजन सिंह पहली बार इंडियन टीम में खेलकर घर लौटे थे। यह उनकी सबसे खूबसूरत याद है।
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घर के इस कमरे में हरभजन सिंह की पुरानी तस्वीरों को संजोकर रखा गया है। इन तस्वीरों के बारे में बताते हुए कई बार हरभजन भावुक हुए तो कई बार हंस पड़े।
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हरभजन सिंह का जन्म 3 जुलाई 1980 को हुआ था। वह सरदार सरदेव सिंह प्लाहा के इकलौते बेटे हैं। उनकी 5 बहनें हैं।