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साल 1983 के 25 जून की तारीख सभी क्रिकेट प्रेमियों के लिया यादगार है। यह वही दिन था जब भारत ने पहली बार वर्ल्ड कप उठाया था। इससे पहले सिर्फ दो बार वर्ल्ड कप हुआ था और उन दोनों में ही वेस्ट इंडीज की जीत हुई थी। वेस्ट इंडीज की टीम लगातार तीसरी बार फाइनल में थी और उसका सामने करने के लिए खड़ी की तब की टीम इंडिया। इस रोमांचक मैच में टीम इंडिया ने 43 रन से जीत दर्ज की थी। आज जानिए उस मैच से जुड़ी कुछ खास बातें-
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उस वक्त वन डे मैच 60 ओवर्स के हुआ करते थे। टॉस हार चुकी इंडिया को पहले बल्लेबाजी का न्योता मिला। एंडी रोबर्ट्स, मैकलूम मार्शल, जोल गार्नर और माइकल होल्डिंग जैसे तेज बॉलर्स के सामने अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते थे। (फोटो-ट्विवटर)
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भारत की तरफ से सिर्फ मोहिंदर अमरनाथ (80 गेंदों में 26 रन) और क्रिस श्रीकांत (57 गेंदों में 38 रन) ही ऐसे बल्लेबाज थे जो उनका सही मायने में सामना कर पाए। 54.4 ओवर्स में टीम ने ऑलआउट होकर 183 रन बनाए। टीम की तरफ से सिर्फ तीन छक्के लगाए गए थे।(फोटो-ट्विवटर)
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मैच जीतने में भारत की बॉलिंग टीम का भी काफी योगदान था। जिसने वेस्टइंडीज को 140 रनों पर ही ऑल आउट कर दिया। उस वक्त वेस्ट इंडीज की टीम कुल 52 ओवर्स ही खेल पाई थी।(फोटो-ट्विवटर)
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भारत की बॉलिंग साइड से मदन लाल ने 31 रन देकर 3 विकेट लिए थे। इनमें से सबसे यादगार कैच वीवी रिचर्ड्स का था। उस कैच के लिए कपिल देव 20-22 कदम भागकर आए थे। रिचर्ड्स ने वेस्टइंडीज की टीम की तरफ से सबसे ज्यादा 33 रन (28 गेंद) बनाए थे। जिस तेजी से रिचर्ड्स खेल रहे थे उन्हें भारत की टीम के लिए खतरा माना जा रहा था।(फोटो-ट्विवटर)
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इस मैच के लिए मैन ऑफ द मैच मोहिंदर अमरनाथ को मिला था। उन्होंने 7 ओवर्स में कुल 12 रन देकर 3 विकेट लिए थे। उस वक्त मैन ऑफ द सीरिज वाला इनाम नहीं दिया जाता था।(फोटो-ट्विवटर)
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(फोटो-ट्विवटर)