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भारत और बांग्लादेश के बीच 15 जून को चैम्पियंस ट्रॉफी का दूसरा सेमीफाइनल खेला जाना है। इस मैच को जीतने वाली टीम फाइनल खेलेगी। दोनों टीमों के बीच अब तक 32 वनडे मैच हुए हैं, जिसमें भारत को 26 बार जीत हासिल हुई है और बांग्लादेश केवल 5 बार ही जीता है। लेकिन फिर भी भारत पड़ोसी देश को हल्के में लेने की गलती नहीं कर सकता। ये हैं 5 कारण:
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बांग्लादेश और अॉस्ट्रेलिया के बीच चैम्पियंस ट्रॉफी का मुकाबला बारिश के कारण धुल गया था। लेकिन इसके बाद टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए न्यूजीलैंड की टीम को हराकर सबको हैरान कर दिया। न्यूजीलैंड के बल्लेबाज बंग्लादेशी गेंदबाजों के आगे खुलकर नहीं खेल पाए और 266 रनों का ही लक्ष्य रख सके। इस लक्ष्य को बांग्लादेश ने बेहद खराब शुरुआत के बाद भी 47.2 ओवरों में पांच विकेट खोकर हासिल कर लिया था।
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पिछले 24 महीनों में बांग्लादेश की ओर से तमीम इकबाल और सौम्य सरकार की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया है। पिछली 36 पारियों में तमीम ने 53.18 की औसत से 1,702 रन बनाए हैं। तीसरे नंबर पर रहमान और फिर मुशफिकुर रहीम और महमुदुल्ला की जोड़ी बांग्लादेशी टीम को और मजबूत करती है। विराट कोहली मुशफिकुर रहमान की इंग्लैंज के खिलाफ पारी और न्यूजीलैंड के खिलाफ महमूदुल्ला के शानदार शतक को कमतर नहीं आकेंगे।
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पड़ोसी देश के लिए शकीम-उल-हसन बेहद अहम खिलाड़ी हैं। आईपीएल, काउंटी क्रिकेट, कैरिबियन प्रीमियर लीग और केएफसी टी-20 बिग बैश में उन्होंने अलग-अलग परिस्थितियों में बल्लेबाजी कर खुद को निखारा है। उनकी महमुदुल्लाह के साथ 224 रनों की साझेदारी ने न सिर्फ टीम को शानदार जीत दिलाई, बल्कि यह किसी भी किसी के लिए सबसे बड़ी साझेदारी भी थी। कप्तान के पास भारत के लिए जरूर कोई बड़ा प्लान होगा।
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बांग्लादेश की बल्लेबाजी के साथ-साथ पिछले कई वर्षों में गेंदबाजी में भी धार दिखाई दी है। भारत के पिछले बांग्लादेश दौरे में मुस्ताफिजुर भारतीय बल्लेबाजों के लिए मुसीबत बनकर सामने आए थे, खासकर रोहित शर्मा के लिए। इस तेज गेंदबाज ने सीरीज में तीन मैचों की वनडे सीरीज में 13 विकेट झटके थे।
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कोहली को याद रखना होगा कि बांग्लादेश ने ही भारत को साल 2007 के क्रिकेट विश्व कप से बाहर का रास्ता दिखाया था। वहीं साल 2004 में भी भारत को हराकर उसने अपनी वनडे में तीसरी जीत हासिल की थी। पिछले साल 23 मार्च को हुए टी-20 विश्व कप मुकाबले में भारत मुश्किल से 1 रन से बांग्लादेश से जीत पाया था।
