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क्रिकेट को किसी धर्म से कम नहीं माना जाता। दुनिया भर में इस खेल के करोड़ों फैन्स हैं, जो खिलाड़ियों की एक झलक या शानदार पारी की आस लगाए रहते हैं। जेंटलमैन गेम कहे जाने वाले इस खेल के बारे में दिग्गज खिलाड़ियों ने कई हैरतअंगेज खुलासे अपनी अॉटोबायोग्राफी में किए हैं। इनमें कई एेसी बाते हैं, जिसे सुनकर हर क्रिकेट प्रेमी को आश्चर्य हो सकता है।
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सचिन तेंदुलकर: अपनी अॉटोबायोग्राफी 'प्लेइंग इट माइ वे' में सचिन ने 2005-2007 तक टीम इंडिया के कोच रहे ग्रेग चैपल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चैपल 'रिंगमास्टर' की तरह बर्ताव करते थे और अपने आइडिया खिलाड़ियों पर थोपते थे, बिना यह जाने कि उन्हें यह पसंद है या नहीं। अपनी कप्तानी के दौरान कोच रहे कपिल देव और राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को लेकर भी उन्होंने निराशा जताई थी।
जॉन राइट: इंडियन समर्स में राइट ने टीम सिलेक्शन में 'जोनल' फैक्टर की खूब आलोचना की है। उन्होंने यह भी माना कि वह सौरव गांगुली को उनके करियर के आखिरी दौर में कप्तानी से हटाए जाने के पक्ष में थे। -
केविन पीटरसन: अपनी अॉयोबायोग्राफी में पीटरसन ने लिखा कि जब फील्डर कैच छोड़ते थे तो ग्रीम स्वान, स्टुअर्ट ब्रॉड, जेम्स एंडरसन और मैट प्रायर जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी उन्हें गालियां बकते थे। उन्होंने पूर्व कोच एंडी फ्लॉवर पर 'डर के सहारे राज' करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा था।
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रिकी पॉन्टिंग: 'क्लोज अॉफ द प्ले' में पॉन्टिंग ने 'मंकीगेट' में सचिन तेंदुलकर की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा कि वह सचिन के बयान से आवाक रह गए, जिससे हरभजन सिंह बच गए। पंटर ने लिखा, वह समझ नहीं पाए कि अपील पर सुनवाई के दौरान सचिन ने हरभजन का साथ क्यों दिया। लेकिन उस वक्त कुछ क्यों नहीं कहा, जब मैच रेफरी ने एंड्रयू सायमंड्स पर रंगभेदी टिप्पणी करने पर हरभजन सिंह को शुरुआत तौर पर सस्पेंड कर दिया था।
शोएब अख्तर: अपनी किताब में अख्तर ने दिग्गज भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ की क्लास और टेंप्रामेंट पर सवाल उठाए हैं। अख्तर ने लिखा कि फैसलाबाद की धीमी पिच पर सचिन उनकी तेज गेंदों का सामना करने में डर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि सचिन और द्रविड़ को मैच खत्म नहीं करना आता था और न ही वह मैच विनर्स थे। हर्शल गिब्स: 'टू द पॉइंट' में गिब्स ने स्वीकार किया कि उनके एक से ज्यादा महिलाओं से संबंध थे। किताब के मुताबिक उन्होंने और उनके साथियों ने तीन महिलाओं के साथ रात गुजारी थी। एक महिला, जिससे उनकी पहचान 'पर्थ स्ट्रिपर' के तौर पर हुई थी। साथ ही एक स्टूडेंट जो 30 लड़कियों को उस होटल में लाई थी, जिसमें द.अफ्रीकी टीम ठहरी हुई थी। -
एडम गिलक्रिस्ट: पॉन्टिंग से पहले गिलक्रिस्ट ने भी 'मंकीगेट' में सचिन की भूमिका पर सवाल उठाए थे। अॉटोबायोग्राफी 'ट्रू कलर्स' में उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान सचिन ने कहा कि जो बोला गया, वह उन्होंने सुना नहीं, क्योंकि 'वह काफी दूर' थे। सचिन ने कहा कि हरभजन ने एक हिंदी शब्द का इस्तेमाल किया था, जो अॉस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को 'मंकी' जैसा सुनाई दिया।
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डेनिस लिली: अॉटोबायोग्राफी 'बैक टू द मार्क' में इस पूर्व तेज गेंदबाज ने विवादास्पद बयान दिए, जो कई लोगों को पसंद नहीं आए। उन्होंने कहा कि मैंने एक बल्लेबाज की छाती पर गेंद मारने की कोशिश की थी और मैं इतनी जोर से उसे मारना चाहता था, ताकि वह फिर से मेरे सामने बल्लेबाजी न कर पाए।
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इयान बॉथम: 'हेड अॉन' में बॉथम ने माना कि उन्होंने ड्रग्स का सेवन किया है। किताब में उन्होंने नस्लवाद के आरोपों, बॉल से छेड़छाड़ और प्लेन में अन्य यात्रियों से मारपीट की बातें कही हैं।
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माइक हसी: 'मिस्टर क्रिकेट' के नाम से मशहूर रहे हसी ने अॉटोबायोग्राफी 'Underneath The Southern Cross' में लिखा कि 2007-2008 की सीरीज के दौरान एक मैच के बाद सचिन तेंदुलकर ने उनसे हाथ नहीं मिलाया था। हसी ने कहा, ''सचिन कोई भगवान नहीं हैं, एक आम इंसान हैं''।
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स्टीफन फ्लेमिंग: 1999 में इंग्लैंड के अॉलराउंडर और न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग ने कहा कि स्पोर्ट्स प्रमोटर आशिम खेत्रपाल ने उन्हें इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच मनचेस्टर टेस्ट मैच की फिक्सिंग के लिए 300,000 पाउंड अॉफर किए थे।
