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UP Elections: यूपी में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इस चुनाव में महिलाओं को लेकर काफी बातें हो रही हैं। कांग्रेस (Congress) ने 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने की बात कही है तो अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) की समाजवादी पार्टी (SP) महिलाओं की सुरक्षा को भी मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। वहीं बात योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और बीजेपी (BJP) करें तो इन्होंने भी महिलाओं पर दांव खेला है। बीजेपी ने यूपी की महिला नेताओं को अहम पदों से नवाजा। इनमें से कुछ के नाम तो लोगों ने पहले शायद ही कभी सुने हों। आइए डालें एक नजर:
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सीमा द्विवेदी का नाम तब चर्चा में आया जब बीजेपी ने साल 2020 में राज्यसभा सांसद बनाया। इससे पहले यह नाम सिर्फ जौनपुर में ही चर्चित था। सीमा सांसद बनने से पहले तीन बार विधायक रहीं। सीमा को बीजेपी ने भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय महिला मोर्चा का उपाध्यक्ष भी बनाया है।
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विमला बाथम भी प्रदेश की राजनीति में कुछ खास चर्चित नहीं थीं। वह एक बार नोएडा से विधायक रही हैं। बीजेपी ने उन्हें यूपी राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया है।
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संगीता बिंद यूपी की राजनीति का गुमनाम चेहरा थीं। उनकी पहचान गाजीपुर जिले तक ही थी। वह गाजीपुर में छात्र राजनीति और पंचायत स्तर की राजनीति करती रहीं। 2017 में वह पहली बार बीजेपी के टिकट पर विधायक बनीं। योगी आदित्यनाथ ने संगीता बिंद को अपने कैबिनेट में शामिल किया।
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गीता शाक्य पर भी बीजेपी ने बड़ा दांव खेला है। उन्हें 2020 में राज्यसभा का सांसद बनाया। इसके साथ ही बीजेपी महिला मोर्चा का यूपी अध्यक्ष भी बनाया। गीता शाक्य की पहचान पहले सिर्फ इटावा तक ही सीमित थी।
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नीलिमा कटियार योगी सरकार में मंत्री हैं। मंत्री बनने पहले नीलिमा की पहचान महज ये थी कि वह पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार की बेटी हैं।
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स्वाति सिंह का नाम 2017 से पहले शायद ही कोई जानता हो। लेकिन मायावती के खिलाफ मोर्चा खोलने का इनाम देते हुए 2017 में बीजेपी ने उन्हें विधायकी का टिकट दिया और फिर जीतने के बाद योगी सरकार में मंत्री भी बनाया।