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हमारे देश में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों की परंपराएं बेहद गहरी और प्राचीन हैं। इन्हीं परंपराओं में से एक है पूजा के बाद हाथ में कलावा (Kalava) या मौली बांधने की परंपरा। आपने देखा होगा कि मंदिरों में दर्शन के बाद या किसी पूजा-पाठ के बाद पंडित हाथ में एक रंगीन धागा बांधते हैं। इसे ही कलावा या रक्षा सूत्र कहा जाता है। (Photo Source: Freepik)
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लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर यह कलावा क्यों बांधा जाता है और इसके पीछे क्या महत्व छिपा है? आइए जानते हैं इसके पौराणिक और वैज्ञानिक कारण। (Photo Source: Unsplash)
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कलावा क्या है?
कलावा एक पवित्र धागा है जो लाल, पीले या काले रंग का हो सकता है। इसे सामान्यत: दाहिने हाथ की कलाई पर बांधा जाता है। महिलाएं इसे बाएं हाथ पर भी बांध सकती हैं। (Photo Source: Freepik) -
पूजा-अर्चना के बाद जब पंडितजी या परिवार का कोई सदस्य कलाई पर कलावा बांधता है तो यह केवल एक परंपरा नहीं होती, बल्कि इसके पीछे गहरा अर्थ छिपा होता है। (Photo Source: Unsplash)
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कलावा बांधने का धार्मिक महत्व
कलावा को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार, पूजा-पाठ या किसी भी शुभ कार्य के बाद इसे कलाई पर बांधना मंगलकारी माना जाता है। (Photo Source: Unsplash) -
सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक – माना जाता है कि कलावा बांधने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और यह नकारात्मक शक्तियों तथा बुरी नजर से बचाव करता है। (Photo Source: Pexels)
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ग्रहों का संतुलन – अलग-अलग रंगों का कलावा ग्रहों को मजबूत करने से भी जुड़ा माना गया है। जैसे पीला रंग बृहस्पति, लाल रंग मंगल और काला रंग शनि से संबंध रखता है। (Photo Source: Jansatta)
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लक्ष्मी और बलि की कथा – पौराणिक कथाओं में कहा गया है भगवान विष्णु के वामन अवतार में सामने आने के बाद राजा बलि ने उनसे अपने साथ पाताल लोक में रहने का अनुरोध किया और भगवान विष्णु पाताल में ही रहने लगे। तब माता लक्ष्मी ने राजा बलि को कलावा बांधकर उन्हें भाई बना लिया और भगवान विष्णु को वापस ले आईं। तभी से कलावा भाई-बहन के पवित्र रिश्ते और रक्षा का प्रतीक भी माना जाता है। (Photo Source: Unsplash)
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कलावा बांधने के वैज्ञानिक कारण
कलावा सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी लाभकारी है।
नसों पर नियंत्रण – मानव शरीर की कलाई में कई महत्वपूर्ण नसें होती हैं। कलावा बांधने से इन पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे रक्त प्रवाह संतुलित रहता है।
ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल – माना जाता है कि कलावा बांधने से ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और हृदय गति को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
मानसिक शांति – पूजा या कथा के बाद बांधा गया कलावा मन में सुरक्षा और विश्वास की भावना जगाता है, जिससे तनाव कम होता है और मानसिक शांति मिलती है। (Photo Source: Pexels) -
कलावा बांधने का वास्तविक फायदा
यह व्यक्ति की सुरक्षा और रक्षा का प्रतीक है। कलावा हमें हमारे धर्म और परंपराओं से जोड़े रखता है। यह न सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है। (Photo Source: Pexels)
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