-
जन्म लेने के बाद शिशु का रोना एक सामान्य प्रक्रिया है। अक्सर लोग इसे भूख, असहजता या डर की वजह मानते हैं, लेकिन विज्ञान इसके पीछे गहरे कारण बताता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि आखिर नवजात शिशु क्यों रोते हैं। (Photo Source: Pexels)
-
एक अलग दुनिया में पहला कदम
मां के गर्भ में बच्चा एक सुरक्षित, अंधेरे और गर्म वातावरण में रहता है। वहां चारों ओर तरल पदार्थ होता है और तापमान लगभग 37 डिग्री रहता है। जन्म लेते ही बच्चा इस आरामदायक माहौल से निकलकर अचानक ठंडी हवा, रोशनी और शोर से भरी बाहरी दुनिया में आता है। इस बदलाव से शिशु असहज हो जाता है और रोकर अपनी प्रतिक्रिया देता है। (Photo Source: Pexels) -
सांस लेने की प्रक्रिया की शुरुआत
गर्भ में बच्चा सांस नहीं लेता, बल्कि मां के खून से गर्भनाल के जरिए ऑक्सीजन प्राप्त करता है। जन्म के बाद यह प्रक्रिया समाप्त हो जाती है। शिशु जब पहली बार रोता है तो उसके फेफड़े हवा से भर जाते हैं और ऑक्सीजन खून में पहुंचने लगती है। यह नई जिंदगी की सबसे महत्वपूर्ण शुरुआत होती है। (Photo Source: Pexels) -
डॉक्टरों और माता-पिता के लिए संकेत
नवजात शिशु का पहला रोना डॉक्टर और अभिभावकों के लिए खुशी का संदेश होता है। यह बताता है कि बच्चा स्वस्थ है और उसके फेफड़े तथा अन्य अंग सही से काम कर रहे हैं। यही कारण है कि जन्म के बाद शिशु का रोना जरूरी माना जाता है। (Photo Source: Pexels) -
रोना क्यों जरूरी है?
जन्म की प्रक्रिया शिशु के लिए आसान नहीं होती। गर्भ से बाहर आने के दौरान उसे शारीरिक और मानसिक दबाव से गुजरना पड़ता है। रोना इस तनाव को कम करने का प्राकृतिक तरीका है, साथ ही यह मस्तिष्क तक ऑक्सीजन पहुंचाने में भी मदद करता है। (Photo Source: Pexels) -
क्या हर बच्चा रोता ही है?
सामान्य धारणा है कि जन्म लेते ही हर बच्चा रोता है, लेकिन ऐसा हमेशा जरूरी नहीं है। सिजेरियन डिलीवरी में पैदा हुए बच्चे कभी-कभी तुरंत नहीं रोते क्योंकि वे सामान्य प्रसव के दबाव से नहीं गुजरते। (Photo Source: Pexels) -
वाटर बर्थ (पानी में जन्म) वाले बच्चे ठंडी हवा तुरंत महसूस नहीं कर पाते, इसलिए वे बिना रोए भी सांस लेना शुरू कर सकते हैं। कुछ मामलों में बच्चे रोने में देर करते हैं, लेकिन अगर वे सांस ले रहे हैं तो यह चिंता की बात नहीं होती। (Photo Source: Pexels)
-
कुछ असामान्य स्थितियां
हर बच्चा जन्म के तुरंत बाद रोए, यह जरूरी नहीं है। कई बार यह देरी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकती है, जैसे— सांस लेने में कठिनाई (नली या फेफड़ों में गड़बड़ी), हृदय की समस्या, और जन्म के दौरान ऑक्सीजन की कमी, ऐसे मामलों में डॉक्टर तुरंत जांच कर आवश्यक मदद करते हैं। (Photo Source: Pexels)
(यह भी पढ़ें: फिटनेस के लिए बेस्ट है रस्सी कूदना, स्ट्रेस, डायबिटीज, मोटापा और हार्ट प्रॉब्लम्स से बचा सकती है 15 मिनट की स्किपिंग)