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नवरात्रि के पावन पर्व पर मां दुर्गा की पूजा में कई परंपराएं निभाई जाती हैं। इन्हीं में से एक परंपरा है जौ (ज्वार) बोना। इसे जीवन, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि की शुरुआत में मिट्टी से भरे पात्र में जौ बोए जाते हैं और पूरे नौ दिन मां दुर्गा की कृपा से ये अंकुरित होकर बढ़ते हैं। (Photo Source: Freepik)
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लेकिन नवरात्रि खत्म होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि इन जौ का क्या करें? आइए जानते हैं नवरात्रि के बाद जौ के सही उपयोग के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व के बारे में—
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जौ क्यों बोए जाते हैं?
जौ को धरती से जुड़ा हुआ और जीवनदायी अनाज माना गया है। नवरात्रि में इसे बोना समृद्धि का आह्वान है। जौ का अंकुरित होना जीवन, उन्नति और शुभता का प्रतीक है। ज्योतिष के अनुसार जौ का संबंध सूर्य और गुरु ग्रह से है, इसलिए इसे बोने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। (Photo Source: Freepik) -
नवरात्रि के बाद जौ का क्या करें?
पवित्र नदी में विसर्जन करें
बोए हुए जौ और मिट्टी को किसी पवित्र नदी (जैसे गंगा, यमुना, नर्मदा आदि) में विसर्जित करना शुभ माना जाता है। यह मां को अर्पण करने और पूजा का पूर्ण फल पाने का तरीका है। (Photo Source: Unsplash) -
पवित्र पेड़ के नीचे रखें
यदि नदी में विसर्जन संभव न हो, तो जौ और मिट्टी को किसी पवित्र वृक्ष जैसे पीपल, बरगद या तुलसी के पास रख दें। यह पर्यावरण को लाभ देता है और धार्मिक रूप से भी शुभ माना जाता है। (Photo Source: Pexels) -
गाय को खिलाएं
जौ के हरे अंकुर गाय को खिलाना अत्यंत पुण्यकारी कार्य माना गया है। शास्त्रों में गाय को मां का स्वरूप कहा गया है, इसलिए इसे अर्पित करना सौभाग्य और समृद्धि लाता है। (Photo Source: Unsplash) -
मंदिर में अर्पित करें
आप चाहें तो जौ को किसी देवी-देवता के मंदिर में ले जाकर अर्पित कर सकते हैं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है। (Photo Source: Freepik) -
क्या न करें?
जौ को कूड़े में फेंकना अशुभ माना जाता है। इसे जलाना या अपवित्र स्थान पर रखना भी वर्जित है। जौ को बिना सम्मान के फेंकना पूजा का अपमान माना जाता है। जौ को हमेशा पवित्र भाव से सम्मानपूर्वक विसर्जित करना चाहिए। (Photo Source: Unsplash) -
जौ के संकेत
यदि जौ अच्छे से हरे-भरे अंकुरित हुए हों तो यह घर में समृद्धि और शुभता का संकेत है। यदि जौ कमजोर या पीले हो गए हों, तो इसे सावधानी और सुधार का संदेश माना जाता है। (Photo Source: Freepik)
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