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हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दौरान हमारे पितृ यानी पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने वंशजों का आशीर्वाद देते हैं। साल 2025 में पितृपक्ष 7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर (सर्वपितृ अमावस्या) को समाप्त होंगे। इन 16 दिनों में लोग अपने पूर्वजों को तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान अर्पित करते हैं। (Photo Source: Unsplash)
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान केवल पितरों को तर्पण और दान करना ही शुभ माना जाता है। किसी भी प्रकार का नया कार्य, उत्सव या खरीदारी अशुभ फल देने वाला हो सकता है। आइए जानते हैं कि पितृपक्ष के दौरान किन चीजों की खरीदारी से बचना चाहिए। (Photo Source: Pexels)
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नमक
पितृपक्ष में नमक का दान करना शुभ माना जाता है, लेकिन इस समय नमक खरीदना वर्जित है। मान्यता है कि पितृपक्ष में नमक खरीदने से घर में बीमारियां और कलह का वातावरण पैदा हो सकता है। इसलिए श्राद्ध शुरू होने से पहले ही नमक खरीद लेना चाहिए। (Photo Source: Pexels) -
सरसों का तेल
पितृ पक्ष में सरसों का तेल खरीदना भी निषेध माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष में सरसों का तेल खरीदने से पितरों के साथ-साथ शनि देव भी अप्रसन्न हो जाते हैं। इससे घर-परिवार पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। (Photo Source: Unsplash) -
झाड़ू
इस समय झाड़ू खरीदना आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक असर डाल सकता है। कहा जाता है कि श्राद्ध पक्ष में झाड़ू खरीदने से धन की हानि हो सकती है और घर में दरिद्रता का वास हो सकता है। (Photo Source: Unsplash) -
लोहे और नुकीली वस्तुएं
लोहे की वस्तुएं या किसी भी प्रकार की नुकीली चीज पितृपक्ष में नहीं खरीदनी चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे पितृ नाराज हो सकते हैं और घर पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ सकता है। (Photo Source: Unsplash) -
नई वस्तुएं
पितृपक्ष में किसी भी प्रकार की नई वस्तु जैसे – नए कपड़े, आभूषण (सोना-चांदी), वाहन, और जमीन-घर खरीदना वर्जित है। इन चीजों की खरीदारी से पितृ रुष्ट हो सकते हैं। (Photo Source: Unsplash) -
बही-खाता या नया बिजनेस
पितृपक्ष में नया बिजनेस शुरू करना, बही-खाता खोलना या किसी नई डील को फाइनल करना अशुभ माना गया है। यदि ऐसा करना जरूरी हो तो श्राद्ध पक्ष शुरू होने से पहले या उसके समाप्त होने के बाद ही करें। (Photo Source: Unsplash) -
नए घर की छत की ढलाई
अगर आप नए घर का निर्माण करा रहे हैं, तो पितृ पक्ष के दौरान छत की ढलाई या किसी बड़े निर्माण कार्य से बचना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष लग सकता है। (Photo Source: Pexels) -
विवाह या शुभ कार्य से बचें
श्राद्ध पक्ष में किसी भी तरह का शुभ कार्य वर्जित माना गया है। विवाह तय करना, लड़का-लड़की देखना या रिश्ते की बात पक्की करना इस समय शुभ फलदायी नहीं होता। ऐसे काम पितृपक्ष से पहले या इसके समाप्त होने के बाद करने चाहिए। (Photo Source: Pexels) -
पितृ पक्ष में क्या करें?
पूर्वजों के लिए श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण अवश्य करें। दान में अन्न, वस्त्र, तिल, चावल, गुड़, नमक, और दक्षिणा दें। जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन कराना विशेष पुण्यकारी माना जाता है। (Photo Source: Unsplash)
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