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UP Elections: यूपी में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। नेता जनता के बीच पहुंच अपनी बात रख रहे हैं। इनमे से कुछ नेताओं को जनता का विरोध भी झेलना पड़ रहा है। विरोध झेलने वालों में लगभग सबी बीजेपी( BJP) के नेता हैं। आइए डालते हैं एक नजर बीजेपी के उन नेताओं पर जिन्हें चुनाव के ऐलान के बाद अपने ही क्षेत्र के लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा है:
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केशव प्रसाद मौर्य यूपी बीजेपी के बड़े नेता और राज्य के डिप्टी सीएम हैं। 22 जनवरी वह अपने चुनाव क्षेत्र सिराथू पहुंचे जहां उन्हें लोगों का विरोध झेलना पड़ा।
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बीजेपी के एमएलसी सुरेंद्र चौधरी 29 जनवरी को सिराथू में के य़सव मौर्य का प्रचार करने गए थे। प्रचार करने गए थे। वहां लोगों ने उनहें गांव में घुसने ही नहीं दिया।
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29 जनवरी को जालौन की उरई सीट से बीजेपी विधायक गौरी शंकर वर्मा को प्रचार के दौरान लोगों का विरोध झेलना पड़ा था।
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25 जनवरी को बुलंदशहर की स्याना सीट से भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह लोधी प्रचार करने पहुंचे तो लोग हूटिंग करने लगे। लोग किसी तरह का काम ना होने की शिकायत कर रहे थे।
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20 जनवरी को मुजफ्फरनगर की खतौली से बीजेपी एमएलए विक्रम सैनी मुनव्वर पुर गांव में प्रचार करने पहुंचे तो लोग उनके खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे।
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मेरठ की सिवालखास सीट से भाजपा प्रत्याशी मनिंदर पाल 21 जनवरी को पथोनी गांव में प्रचार करने पहुंचे तो वहां उनके सामने ही जयंत चौधरी जिंदाबाद के नारे लगने लगे। बात हाथापाई तक पहुंच गई थी।
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संभल की असमोली सीट से भाजपा प्रत्याशी हरेंद्र सिंह रिंकू 21 जनवरी को शकरपुर गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें घेर कर विरोध शुरू कर दिया। लोग कहने लगे कि भाजपा ने गाजीपुर बॉर्डर पर हम लोगों के लिए कील लगाई गई थी। भूले नहीं हैं हम।