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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय मंत्रिमंडल में जुलाई के पहले हफ्ते में फेरबदल कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि इस फेरबदल में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब को अधिक प्रतिनिधित्व मिल सकता है। मंत्रीमंडल में फेरबदल 21 जून को विश्व योग दिवस के बाद हो सकता है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ से भी कुछ और सांसदों को मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि बड़े मंत्रालयों को लेकर शायद ही कोई बदलाव हो लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस फेरबदल के दौरान क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन को बरकरार रखेंगे। आगे देखिए किसे मिलेगी मोदी कैबिनेट में एंट्री और किसकी होगी छुट्टी: (Photo: Express Archive)
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अनुप्रिया पटेल: अनुप्रिया अपना दल की नेता हैं और मिर्जापुर से सांसद हैं। एनडीए के सहयोगी अपना दल का अभी कोई सांसद मंत्री नहीं है। अनुप्रिया को मंत्री पद देकर भाजपा यूपी चुनावों से पहले गैर यादव ओबीसी वोटों को रिझाना चाहेगी। (Express Archive)
नवजोत सिंह सिद्धू: सिद्धू को पिछले दिनों ही मनोनीत सदस्य के रूप में राज्य सभा भेजा गया है। उन्हें सांपला की जगह पंजाब कोटे से मंत्री पद मिल सकता है। सिद्धू अमृतसर से लोकसभा सांसद रह चुके हैं। साल 2014 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया था और उनकी जगह से अरुण जेटली को उतारा गया था। लेकिन जेटली चुनाव हार गए थे। (Express Archive) -
गिरिराज सिंह: बिहार के नवादा से सांसद सिंह अभी सूक्ष्म एवं लघु मंत्रालय में राज्य मंत्री है। उन्हें बिहार चुनावों को ध्यान में रखते हुए मंत्री पद दिया गया था। उनका प्रदर्शन भी मंत्री के लिहाज से प्रभावशाली नहीं रहा। साथ ही वे कई विवादों में भी रहे हैं। (Express Archive)
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सत्यपाल सिंह: उत्तर प्रदेश के बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह पहली बार सांसद बने हैं। वे मुंबई के कमिश्नर रह चुके हैं। यूपी चुनावों के मद्देनजर उन्हें भी मंत्रीमंडल में जगह मिल सकती है। (Express Archive)
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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। (Express Archive)
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अर्जुनराम मेघवाल: मेघवाल राजस्थान के बीकानेर से सांसद हैं। अभी वे लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक हैं। वे लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। उन्हें निहालचंद की जगह मंत्री बनाया जा सकता है। (Express Archive)
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निहालचंद: वे राजस्थान के श्रीगंगानगर से सांसद हैं। उनके पास अभी खाद राज्य मंत्री का जिम्मा है। उनसे मंत्रीमंडल से हटाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री उनके कामकाज से प्रभावित नहीं हैं। (Express Archive)
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संजीव बालयान: उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव है। इस लिहाज से मुजफ्फरनगर से सांसद संजीव बालयान का दर्जा बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान में वे कृषि राज्य मंत्री हैं। जाट नेता के रूप में उनकी अच्छी पकड़ है। पश्चिमी यूपी में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन का जिम्मा उन पर ही होगा। (Express Archive)
नजमा हेपतुल्ला: उनके पास अभी अल्पसंख्यक मंत्रालय है। वे मोदी कैबिनेट में सबसे वरिष्ठ मंत्री है। लेकिन उनके आड़े अब उम्र आ रही है। वे 76 साल की हो चुकी हैं। पीएम मोदी अपनी कैबिनेट में उम्रदराज नेताओं को नहीं रखना चाहते। इसके कारण नजमा के जूनियर सहयोगी मुख्तार अब्बास नकवी को उनका मंत्रालय दिया जा सकता है। (Express Archive) -
विजय सांपला: सांपला को 2014 में कैबिनेट विस्तार के समय मंत्री बनाया गया था। वे सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री हैं। हाल ही में भाजपा ने उन्हें पंजाब का अध्यक्ष बनाया है। पार्टी की एक व्यक्ति एक पद की नीति के चलते उन्हें मंत्री पद से हटाया जा रहा है। पंजाब में अगले साल चुनाव भी होने हैं।
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रमन डेका: वे मंगलदोई से सांसद हैं। सर्वानंद सोनोवाल के पास खेल मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार था। वे अब मुख्यमंत्री बन चुके हैंं। इस लिहाज से असम कोटे से एक पद खाली होगा। सोनोवाल को रिप्लेस करने की दौड़ में डेका सबसे आगे माने जा रहे हैं। (Photo: Facebook)
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भगत सिंह कोश्यारी: उत्तराखंड से अभी मोदी मंत्रीमंडल में एक भी मंत्री नहीं है। कोश्यारी पार्टी के वरिष्ठ नेता है। साथ ही उत्तराखंड में भी अगले साल चुनाव होंगे। (Photo:PTI)
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विनय सहस्त्रबुद्धे: वे महाराष्ट्र से राज्य सभा सांसद हैं। आरएसएस में काम करने के बाद वे भाजपा में आ गए थे। वे अभी भाजपा के उपाध्यक्ष भी हैं। साथ ही पार्टी के थिंक टैंक में उनकी अहम भूमिका थी।