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अपने ही घरों में कैद हुए ये सीरियाई नागरिक भूख मिटाने के लिए कुत्ते, बिल्ली और घास खाने को मजबूर हैं। ये हालत 100 या 200 लोगों की नहीं है, बल्कि 30,000 से ज्यादा लोगों पर यह कहर टूट रहा है।
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यह तस्वीर एक एक्टिविस्ट ने टि्वटर पर डाली है, जिसमें एक शख्स भूख मिटाने के लिए बिल्ली की गर्दन काटने को विवश है।
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मडाया में कूड़े के ढेर के बीच खाने की सामग्री खोजता एक सीरियाई नागरिक। इस तस्वीर से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हालत कितने खराब हैं।
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बशर अल असद समर्थित सेना ने फौआ और फारया गांव से कुछ दिनों पहले लोगों को निकाला था। उन्होंने बताया कि वहां लोग घास खाने को मजबूर हैं।
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बशर अल असद के कुछ समर्थकों को हाल ही में सुरक्षित स्थानों पर लगाया गया है। बिस्तर पर पड़े इस छात्र का नाम हानी अल हसन है। उसे प्यार से दुलारती मां खदीजा शेख हैदर।
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बशर अल असद के समर्थन में लड़ रहे कई फाइटर्स उन इलाकों में फंसे थे, जो बाकी जगहों से कट गए थे। इस सैनिक को पिछले महीने ही उत्तरी सीरिया से निकाला गया है।
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हाथ में पोस्टर लेकर भुखमरी के खिलाफ आवाज उठाते सीरियाई नागरिक। इस समय सबसे बुरे हालात हैं इदलिब प्रांत के फौआ और फारया इलाकों में। यहां करीब एक साल से विद्रोहियों और असद समर्थित लड़ाकों के बीच जंग चल रही है। पिछले साल सितंबर में विद्रोहियों ने इस इलाके के करीब स्थित एयरबेस पर कब्जा कर लिया था। इस एयरबेस से करीब 30,000 लोगों को खाद्य आपूर्ति की जाती थी। लेकिन अब यह इलाका बिल्कुल कट चुका है।
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यह तस्वीर सीरियाई सोशल मीडिया वायरल हो रही है। सीरिया की राजधानी दमिश्क के नजदीक स्थित मडाया में भूख लोगों का ये हाल हो रहा है। मडाया पर बशर अल असद की सेना ने जुलाई में कब्जा किया था, लेकिन वह इन्हें फूड सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं।
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सीरिया में भूख से मर रहे लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के कदम की संयुक्त राष्ट्र ने भी सराहना की है।
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यह तस्वीर टि्वटर पर वायरल हो रही है। @kindacoco ने इस तस्वीर को ट्वीट कर दावा किया है कि यह वही बच्ची है, जिसकी मासूमियत के चलते मशहूर हो गई थी, लेकिन भूख से अब इस बच्ची का हाल क्या हो गया है?
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सीरिया के मडाया में भूख-प्यास से तड़प रहे इन बच्चों की ये हालत विद्रोहियों और बशर अल असद के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष के कारण हुई है।
