
जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में शहीद हुए मेजर चित्रेश बिष्ट इस महीने के अंत में अपनी शादी के लिए घर आना था। वह आए भी लेकिन तिरंगे में लिपटे हुए ताबूत में। जब मेजर का पार्थिव शरीर सोमवार की सुबह नेहरू कॉलोनी स्थित उनके घर लाया गया तब बिष्ट परिवार में चीख-पुकार मच गई। उनके शव को रविवार को शहर के एक सैन्य अस्पताल में रखा गया था और 18 फरवरी को उनकी पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई की गई। इस दौरान सैन्यर्किमयों, पुलिसर्किमयों, राजनीतिकों, रिश्तेदारों, दोस्तों एवं आम लोगों का बड़ा हुजूम युवा सैन्य अधिकारी को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके घर पर उमड़ पड़ा। तिरंगे में लिपटे बेटे के शरीर को देख मां की आखों से आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे। वह ताबूत के पास रोती-बिलखती रहीं जबकि उनके पिता एस एस बिष्ट उनको शांत कराने की कोशिश करते रहे। हालांकि वह खुद भी अपने आंसू रोक नहीं पा रहे थे। मेजर बिष्ट के पिता भी पुलिस के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। (all Pics-ANI/PTI) -
मेजर बिष्ट 16 फरवरी को पुलवामा आतंकवादी हमले के एक दिन बाद जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में शहीद हो गए। इस दौरान मेजर नियंत्रण रेखा के पास एक बारूदी सुरंग विस्फोट को निष्क्रिय कर रहे थे। उन्होंने 3 बारूदी सुरंग को सफलता पूर्वक निष्क्रीय कर दिया था लेकिन चौथे विस्फोट ने उनकी जान ले ली।

मेजर बिष्ट की अंतिम अंतिम यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा के कई नेताओं एवं विधायकों समेत पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, विधायक विनोद चमोली, गणेश जोशी एवं मुन्ना सिंह चौहान जैसे कई राजनीतिकों ने अधिकारी को श्रद्धांजलि दी। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने भी उनके ताबूत पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। -
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनिल रतूरी एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अशोक कुमार उन तमाम पुलिस अधिकारियों में शामिल थे जो मेजर बिष्ट को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां आए।
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जैसे ही शहीद मेजर बिष्ट का पार्थिव शरीर ताबूत में हरिद्वार के लिए रवाना हुआ वैसे ही लोगों ने ''मेजर बिष्ट अमर रहें'' और ''पाकिस्तान मुर्दाबाद'' के नारे लगाने शुरु किए। मेजर बिष्ट का अंतिम संस्कार हरिद्वार में हुआ।
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सभी लोगों ने शहीद मेजर को सलामी दी।

7 मार्च मेजर बिष्ट की शादी थी, कार्ड प्रिंट हो चुके थे। परिवार वाले बेटे की शादी के लिए काफी उत्साहित थे लेकिन 16 फरवरी की शाम को आई खबर ने इन सारी तैयारियों पर पानी फेर दिया। मेजर बिष्ट अपनी शादी के लिए 28 फरवरी को घर आने वाले थे। -
मेजर बिष्ट के अलावा सीमा पर सोमवार को देहरादून के एक और मेजर मेजर बी एस ढौढियाल शहीद हो गए।