6 नवंबर को शुरु हुई गोल्ड स्टैंडर्ड यानी स्वर्ण ट्रेन नई दिल्ली-काठगोदाम शताब्दी एक्सप्रेस पहली ट्रेन है जो कि स्वर्ण प्रोजेक्ट के तहत चल रही है। स्वर्ण प्रोजेक्ट के अंतर्गत राजधानी और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों का नवीनीकरण किया जा रहा है। आज हम आपको इस ट्रेन के अंदर की कुछ तस्वीरें दिखा रहे हैं, जिनके जरिए आप इसके अंदर की झलक देख पाएंगे। देखिए तस्वीरें। सभी फोटो: स्मृति जैन) बता दें कि इस खास प्रोजेक्ट के तहत गोल्ड स्टैंडर्ड जैसी ट्रेनों ने यात्रियों का सफर और भी ज्यादा आरामदायक और मनोरंजक बना रहा है। यात्रा के दौरान यात्रियों के मनोरंजन पर खासा ध्यान दिया गया है। इसके साथ ही खाने की व्यवस्था और सामान रखने की व्यवस्था पर भी खास ध्यान दिया गया है। ‘स्वर्ण ट्रेन’ में कैटरिंग के लिए ट्रॉली सिस्टम की व्यवस्था की गई है। -
साथ ही साफ और हाईटेक टॉयलेट बनाए गए हैं।
ट्रेन के ये टॉयलेट्स ऑटोमेटिक दरवाजों की सुविधा से लेस हैं। इसके अलावा टॉयलेट्स में डस्टबिन की सुविधा भी दी गई है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी कैमरे भी ट्रेन में लगाए गए हैं और चार्जिंग प्लग भी और सीआरपीएफ जवानों भी तैनाती की व्यवस्था है। ट्रेन को अंदर से सुंदर बनाने के लिए खास तरह की कोटिंग की गई है। ट्रेन की सीटों पर भी खासा ध्यान देते हुए इन्हें और भी आरामदायक बनाया गया है। इतना ही नहीं इंटरनेट के लिए वाई-फाई की सुविधा भी यात्रियों को दी जा रही है। -
फिलहाल इस प्रोजेक्ट के तहत 30 ट्रेनों का नवीनीकरण किया जा रहा है, इनमें 15 राजधानी और 15 शताब्दी ट्रेनें शामिल हैं। 25 करोड़ रुपए के बजय वाले इस प्रोजेक्ट को सुरेश प्रभु के कार्यकाल में लॉन्च किया गया था। इसके तहत हर ट्रेन में करीब-करीब 50 का खर्च आ रहा है।
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काठगोदाम शताब्दी एक्सप्रेस के नवीनीकरण के दौरान सुंदरता, स्वच्छता और मनोरंजन पर खासा ध्यान दिया गया है। एक सीनियर रेल अधिकारी का कहना है कि ये भारतीय रेल के स्वर्ण प्रोजेक्ट की पहली ट्रेन होगी, लोगों से अपील है कि इसे सफल बनाने में सहायता करें।
इन ट्रेनों के स्टाफ के लिए नई यूनिफॉर्म डिजाइन की गई है। यात्रियों को ट्रेनों में फिल्म, सीरियल, म्यूजिक समेत मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। -
इसके तहत हर ट्रेन में करीब-करीब 50 का खर्च आ रहा है। काठगोदाम शताब्दी एक्सप्रेस के नवीनीकरण के दौरान सुंदरता, स्वच्छता और मनोरंजन पर खासा ध्यान दिया गया है।