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महादेव का सबसे प्रिय महीना सावन का है जो शुरू हो चुका है। हिंदू धर्म में इस मास को बेहद ही शुभ और पुण्यदायी माना गया है। सावन के महीने में शिव जी के भक्त उनकी आराधना और पूजा-पाठ करते हैं। (Photo: Indian Express) सावन के 7 चमत्कारिक उपाय, नौकरी से व्यापार तक में मिल सकती है उन्नति
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महादेव के भक्त शिवालयों में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक और पूजन भी करते हैं। शिवलिंग पर फल-फूल, धतूरा, भांग और बेलपत्र भी चढ़ाते हैं। (Photo: Indian Express)
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भगवान शिव को बेलपत्र अति प्रिय है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर बेलपत्र के चढ़ाने महादेव जल्द प्रसन्न होते हैं। लेकिन बेलपत्र चढ़ाने का नियम है। (Photo: AP)
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शास्त्रों के अनुसार जो उपासक बेल पत्र चढ़ाने के नियमों का पालन नहीं करता है उसे पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है। ऐसे में आइए जानते हैं शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। (Photo: ANI) सावन में गंगाजल से जुड़ी कौन-कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए?
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1- बेलपत्र ताजा और साफ होना चाहिए। सूखा, मुरझाया या कटा-फटा बेलपत्र शिवजी को अर्पित नहीं करना चाहिए। (Photo: Indian Express)
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2- बेलपत्र की अगर तीनों पत्तियां जुड़ी हुई हों तो ये और भी शुभ माना जाता है। हमेशा तीन पत्तों वाला ही बेलपत्र अर्पित करना चाहिए। ये तीनों पत्ते ब्रह्मा, विष्णु और महेश को दर्शाते हैं। (Photo: Indian Express)
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3– बेलपत्र का डंठल जलाधारी की ओर और चिकना भाग शिवलिंग की ओर होना चाहिए। चढ़ाते समय ओम नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। (Photo: ANI) देश में कहां-कहां हैं भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग? जानिए पौराणिक मान्यता
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4- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बेलपत्र पर ओम नमः शिवाय या राम लिखा हो तो इसका विशेष पुण्य प्राप्त होता है। (Photo: Indian Express)
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5- जो बेलपत्र एक बार भगवान शिव को अर्पित हो जाए उसे दोबारा नहीं चढ़ाना चाहिए। (Photo: Indian Express)
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6- शास्त्रों के अनुसार, बेलपत्र को सोमवार, श्रावण मास या किसी शिव-पर्व पर तोड़कर उपयोग करना शुभ होता है। (Photo: AP) शिव के इन 6 आध्यात्मिक मंत्रों से करें खुद को शुद्ध, सावन में जाप करना होता है बेहद फलदायी