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Ravindra Jadeja: रविंद्र जडेजा उन चंद क्रिकेटर्स में शुमार हैं जिन्होंने काफी संघर्षों के बाद ये मुकाम पाया है। रविन्द्र जडेजा क्रिकेट प्रेमियों के दिल में अपनी एक ख़ास जगह रखते हैं। भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाई तक ले जाने वाले रविन्द्र जडेजा का पूरा नाम रविन्द्र सिंह अनिरुद्ध सिंह जडेजा है। रविंद्र जडेजा का बचपन तंगहाली में बीता है। लेकिन उन्होंने आज जो रुतबा हासिल कर लिया है वहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्हें सर कहकर संबोधित करते हैं (Photos: Social media):
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रविन्द्र जडेजा का बचपन तंगहाली में गुज़रा। उनके पिता अनिरुद्ध एक प्राइवेट कंपनी में गार्ड की नौकरी करते थे। वो जडेजा को एक आर्मी ऑफिसर बनाना चाहते थे। लेकिन जडेजा का झुकाव क्रिकेट की तरफ़ था और उनकी मां लता भी चाहती थीं कि उनका बेटा क्रिकेटर बने।
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साल 2002 में पहली बार जडेजा सौराष्ट्र की अंडर – 14 में महाराष्ट्र के ख़िलाफ़ खेले। यहां उन्होंने अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए 87 रन बनाए और 4 विकेट झटके। जडेजा के बेहतरीन खेल को देखते हुए सौराष्ट्र की अंडर – 19 टीम में उन्हें जगह मिली और इसी फॉर्मेट में उन्होंने अपने करियर का पहला शतक लगाया।
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जडेजा की मां का सपना था कि उनका बेटा एक बड़ा क्रिकेटर बने, लेकिन अपने सपने को पूरा होते हुए देखने से पहले ही वो 2005 ने एक एक्सिडेंट में चल बसीं। मां के गुज़र जाने के बाद 17 साल के जडेजा इतने बिखर गए कि उन्होंने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया। लेकिन उनकी बड़ी बहन ने उन्हें संभाला और आगे खेलने को तैयार किया।
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दिसंबर 2005 में अंडर – 19 वर्ल्ड कप के लिए उनका चुनाव हुआ। अपने चुनाव को सही साबित करते हुए जडेजा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ 4 और पाकिस्तान के खिलाफ़ 3 विकेट लेकर जबरदस्त परफॉर्मेंस दी। 2008 के अंडर – 19 वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में जडेजा ने 10 विकेट लेकर चयनकर्ताओं का दिल जीत लिया। इस टूर्नामेंट में भारत विजयी रहा था।
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साल 2009 रविन्द्र जडेजा के लिए अपनी मां के सपनों को पूरा करने का साल था। इसी साल उन्हें टीम इंडिया की तरफ़ से वनडे और टी – ट्वेंटी खेलने का मौका मिला। 2012 में उन्होंने अपना टेस्ट डेब्यू भी किया।
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जडेजा बहुत तेज़ी से अपने कैरियर में आगे बढ़ रहे थे। 2012 में महज़ 23 साल की उम्र में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 3 ट्रिपल सेंचुरी लगाई।ऐसा करने वाले वो पहले भारतीय और दुनिया के आठवें क्रिकेटर बन गए। उनके इस रिकॉर्ड के बाद साथी खिलाड़ी जिनमें एम. एस. धोनी भी शामिल हैं, उन्हें सर कहकर पुकारने लगे। उनकी बड़ी बहन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि जडेजा बहुत शर्मीले हैं, जब धोनी और अन्य लोग उन्हें सर कहते हैं तो वो असहज महसूस करते हैं।
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यहां तक कि 12 फरवरी 2015 को प्रधानमंत्री मोदी ने भी उन्हें सर कहकर संबोधित किया था। एक ट्वीट के ज़रिए मोदी ने कहा था कि सर जडेजा आपका फैन कौन नहीं है।
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जडेजा को पढ़ने – लिखने का भी शौक था, लेकिन समय न होने के कारण वो अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए थे। जडेजा ने 17 अप्रैल 2016 में रीवा सोलंकी से शादी की।दोनों की एक बेटी भी हैं।
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जाते जाते जडेजा का सबसे बेहतरीन रिकॉर्ड आपको बताते हैं। बाएं हाथ के गेंदबाज जडेजा ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज़ी से 200 विकेट लेकर श्रीलंका के पूर्व स्पिनर रंगना हैराथ का रिकॉर्ड तोड़ा। उन्होंने ये कीर्तिमान 44 टेस्ट में ही बना डाला जबकि रंगना ने 47 टेस्ट में 200 विकेट लेकर अपना रिकॉर्ड बनाया था।