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ग्रह नक्षत्रों के हिसाब से नरेंद्र मोदी, अरविंद केजरीवाल, अमित शाह, नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के लिए साल 2016 कैसा रहने वाला है, बता रहे हैं आनंद जौहरी। अगली स्लाइड में जानिए मोदी का राशिफल
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ग्रह योग फिलहाल उनके खिलाफ विरोध, आंदोलन और आलोचना को जन्म देकर मानहानि का प्रयास कर सकते हैं। किसी सहयोगी की गलत योजना या गलती के लिए इन्हें उत्तरदायी बनाने का प्रयास होगा। किसी व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा चुनौतियाँ खड़ी की जाएंगी। हालांकि, ऐसी उम्मीद है कि स्वग्रही मंगल और भाग्येश चंद्रमा की जोड़ी इन विपरीत परिस्थितियों का मुकाबला कर लेगी | 22 फरवरी 2016 तक का कार्यकाल चुनौतियों के बाद भी इन्हें सुख की अनुभूति प्रदान करेगा। हालांकि, मोदी के लिए 2016 इतना आसान नहीं नजर आ रहा| 22 फरवरी 2016 से 20 मार्च 2016 का समय प्रधानमंत्री और उनके सलाहकारों को अस्थायी रूप से ही सही, कई बार बेचैन करेगा। किसी खास मित्र या पूर्व मित्र के किए गए काम से उन्हें परेशानी हो सकती है। 20 मार्च 2016 से 7 मई 2016 तक का समय भावनात्मक उतार चढ़ाव का होगा। 7 मई 2016 से 10 जून 2016 तक के बीच कोई बड़ा झमेला सामने आ सकता है। हालांकि, मोदी इन सबका सामना बड़ी आसानी से कर लेंगे। 10 जून से 6 सितंबर तक का समय कूटनीतिक लड़ाई का होगा। 6 सितंबर से २२ नवंबर तक का वक्त के बीच मोदी को किसी सलाहकार, मित्र, सहयोगी या नये सहयोगी से लाभ मिल सकता है। कुल मिलाकर नए साल में मोदी के लिए पड़ोसियों के अलावा ढेरों मित्रों और विरोधियों से टकराव टालना बड़ी चुनौती होगी। विरोधी अचानक से बेहद आक्रामक हो जाएंगे। देश व विश्व में खून खराबे की स्थिति उन्हे विचलित करेगी। मोदी को स्वास्थ्य को लेकर भी सजग रहना पड़ेगा। इन सबके बावजूद मोदी की एक विचारक, सुधारक और नव दृष्टा के रूप में छवि उभर कर सामने आएगी।
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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल फिलहाल लाभेश वृहस्पति की महादशा भोग रहे हैं, जो एक उत्तम काल है| चूंकि, वृहस्पति इनकी कुंडली में लाभेश के साथ अष्टमेश भी है, इसलिए विरोधाभास और इनके व्यक्तित्व का चोली दामन का साथ रहा है| 17 दिसंबर 2015 से इनकी कुंडली में वृहस्पति की महादशा में देव गुरु के परम मित्र और पराक्रमेश चन्द्रमा की अन्तर्दशा शुरू हो रही है, जो तमाम साजिशों, विरोधों, छल और कपट के बावजूद केजरीवाल की जिन्दगी में मील का पत्थर साबित होगी। यह उनके जीवन के श्रेष्ठ काल में से एक सिद्ध होगा। इसका मतलब यह है कि तमाम विरोधों और साजिशों में तपकर केजरीवाल की चमक 2016 में कुंदन की तरह चमकेगी। अष्टमेश की महादशा के कारण 2016 में केजरीवाल को स्वास्थ्य या किसी तथाकथित मित्र या गुप्त शत्रु और उसकी साजिशों से सावधान रहना चाहिए|
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिग्गज रणनीतिकार अमित शाह की कुंडली 2 नवम्बर 2014 की संध्या से शनि की अढैया (छोटी पनौती) के प्रभाव में है। धनेश और पराक्रमेश की इस अढैया ने शाह के करियर पर दिल्ली और बिहार के चुनाव परिणाम के रूप में गहरी चोट पहुंचाई है। यह स्थिति 2016 में और मुखर होगी| 6 दिसंबर 2015 से अमित शाह की लग्नेश और सुखेश वृहस्पति की महादशा आरम्भ हो चुकी है। पर देव गुरु इनकी कुंडली के छठे भाव में बैठे हैं, जहां विवेक को नुकसान पहुंचा कर उनके सुख में भारी कमी कर रहे हैं। वहीं, उनकी लोकप्रियता को भी गहरा आघात पहुंचा रहे हैं। आने वाला वक्त उनकी मामूली कमियों को बढ़ा चढ़ा उनकी साख को गहरी क्षति पहुंचा सकता है। इस वजह से दल के अन्दर और बाहर उनके विरोधियों की संख्या में भारी वृद्धि का योग निर्मित हो रहा है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार की कुंडली इस समय शनि की साढ़ेसाती के द्वितीय चरण में है। भाग्येश शनि की साढ़ेसाती अपने मध्य में इनके प्रभाव की वृद्धि का कारण बनी। ये इस समय भाग्य में बैठे राहू की महादशा में वृहस्पति का अंतर भोग रहे हैं, जो उत्तम काल है। 25 फरवरी 2016 से आरम्भ होने वाला चन्द्रमा का प्रत्यंतर जहां उनके प्रभाव में वृद्धि करके इनके राजनैतिक विरोधियों के माथे पर चिंता की लकीरें खींचेगा, वहीं उनके कद में भी इजाफा करेगा। कुमार आनेवाले साल में विपक्ष की एकता की धुरी बन सकते हैं। 10 अगस्त से आरम्भ होने वाली राहू के प्रत्यंतर दशा इन्हें किसी तनाव या बेचैनी से ग्रस्त करने के साथ इन्हें अपने सहयोगियों, मित्रों और तथाकथित अपनों से कष्ट देगी। इस साल नीतीश कुमार को आरोपों या राजनैतिक हमलों का सामना करना पड़ेगा। -
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू यादव इस समय कर्मेश व पराक्रमेश शुक्र की महादशा में 28 अगस्त 2015 से राहू की अन्तर्दशा भोग रहे हैं। यह उनके लिए शुभ फल देने वाला है। यह ग्रह योग 2016 में उनके विरोधियों को तंग करके उनके राजनैतिक कद में इजाफा करेंगे। साल के मध्य में उन्हें अपने दल या युति के अन्दर कुछ तनाव झेलना पड़ेगा। पर राजनीति के घुटे हुए खिलाड़ी यादव इसका सामना अच्छी तरह से कर लेंगे। यादव के लिए अपने विरोधियों के साथ अपनों के हमलों को झेलना भी एक बड़ी चुनौती होगी।
