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देश की सभी रियासतों के भारत में विलय के बाद कई राजघराने ऐसे रहे जिनके सदस्यों ने राजनीति में कदम रखा। यूपी की राजनीति में सक्रिय कई नेेता ऐसे हैं जो किसी ना किसी रियासत या राजपरिवार से संबंध रखते हैं। आइए जानें यूपी की राजनीति में सक्रिय राजपरिवार के इन सदस्यों की क्या है एजुकेशनल क्वालिफिकेशन:
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संजय सिंह अमेठी राजघराने से हैं। वह कांग्रेस की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी थे। अब वह बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। डॉ. संजय सिंह ने पीएचडी की है। इससे पहले उन्होंने हिंदी में एमए और बीए किया।
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संजय सिंह की पत्नी अमीता सिंह भी राजनेता है। अमेठी राजघराने की बहू अमीता सिंह दो बार अमेठी विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं। अमीता सिंह के एजुकेशन की बात करें तो वह भी पीएचडी होल्डर हैं। अमीता समाजशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएट हैं।
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आगरा की बाह सीट से बीजेपी एमएलए पक्षलिका सिंह भदावर राजघराने की बहू हैं। पक्षलिका सिंह ने अपने चुनावी हलफनामे में बताया है कि उन्होंने चेन्नई के वूमन क्रिश्चियन कॉलेज से बीए किया है।
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नवाब काजिम अली खान रामपुर राजघराने से संबंध रखते हैं। वह कांग्रेस पार्टी में हैं। कांग्रेस के पहले वह सपा और बसपा दोनों ही सरकार में मंत्री रह चुके हैं। काजिम अली ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से मास्टर्स इन आर्किटेक्चर की डिग्री ली है।
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राजकुमारी रत्ना सिंह कालाकांकर रियासत की राजकुमारी हैं। वह तीन बार कांग्रेस की लोकसभा सांसद रहीं। अब बीजेपी में हैं। रत्ना सिंह ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम ऑनर्स किया है।
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रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भदरी रियासत के राजकुमार हैं। 6 बार से निर्दलीय विधायक बनने वाले राजा भैया ने लखनऊ विश्वविद्यालय से वकालत की डिग्री ली है।
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अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया बड़हरीकोट रियासत से हैं। वह वर्तमान में गोंडा जिले के कर्नलगंज सीट से विधायक हैं। उन्होंने सिर्फ इंटर तक पढ़ाई की है।
