80 के दशक में पहली बार रामानंद सागर 'रामायण' सीरीज लाए थे जब केबल कनेक्शन भी नहीं था। यह रामायण दूरदर्शन पर टेलीकास्ट हुआ करती थी। इसके बाद रामायण पर आधारित तमाम तरह के सीरियल्स आए लेकिन दर्शकों ने सबसे ज्यादा रामानंद सागर द्वारा निर्मित रामायण को ही पसंद किया। एकता कपूर भी रामायण की रीमेक सीरीज लाईं लेकिन दर्शकों को उनकी रामायण के पात्र उतने पसंद नहीं आए जितने रामानंद सागर के। एकता कपूर की रामायण टीवी पर फ्लॉप साबित हुई। अब मीडिया में खबरें हैं कि बाहुबली के डायरेक्टर एसएस राजमौली भी महाभारत की सीरीज लाने वाले हैं, जिसका बजट 1000 करोड़ रुपए होगा। यहां हम आपको रामायण और महाभारत के उन कलाकारों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने सीता-राम, द्रौपदी, रावण और भीम जैसे किरदार के जरिए खूब नाम कमाया और फिर राजनीति में शुमार हो गए। महाभारत में भगवान कृष्ण का किरदार अदा कर नीतीश भारद्वाज को दर्शकों का खूब प्यार मिला। भगवान कृष्ण बने नीतीश को देखने के लिए दर्शक महाभारत शुरु होने के आधे घंटे पहले ही टीवी के आगे बैठ जाया करते थे। उन्हें इस किरदार के जरिए खूब सराहा गया। महाभारत के बाद नीतीश करीब 10 मराठी और 1 मलयालम फिल्म में नजर आए। इसके बाद वह एक इंग्लिश ड्रामा में अभिनय करने के लिए कुछ सालों के लिए लंदन चले गए। अभिनय में अपना लोहा मनवाने के बाद नीतीश ने राजनीति में आने का निर्णय लिया और बीजेपी पार्टी को ज्वाइन किया। 1999 में बीजेपी के टिकट से नीतीश ने लोकसभा चुनाव जीता और संसद के सदस्य बन गए। लेकिन बाद में उन्हें अहसास हुआ कि उनकी जगह राजनीति में नहीं है और वह इससे दूर हो गए। लंबे गैप के बाद नीतीश 2016 में आई ऋतिक रोशन की फिल्म 'मोहनजोदड़ो' में दिखाई दिए। रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल 1977 में पहली बार फिल्म 'पहेली' के जरिए सिनेमा में आए थे। रामायण में राम बनकर अरुण गोविल को पहचान मिली। लोग उन्हें इतना पसंद करने लगे थे कि कुछ तो उनके पैर भी छूने लगते थे। रामायण में राम के किरदार के लिए अरुण गोविल हमेशा याद किए जाएंगे। फिलहाल अरुण गोविल अपना एक प्रोडक्शन हाउस चलाते हैं, जो कि दूरदर्शन के लिए सीरियल्स का निर्माण करता है। -
रामायण में जिस तरह का समा राम के किरदार में अरुण गोविल ने बांधा ठीक उसी तरह उनकी पत्नी सीता बनकर दीपिका छिकालिया भी खूब सराही गईं। सीता ने 1983 में आई फिल्म 'सुन मेरी लैला' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था लेकिन उन्हें इससे ज्यादा सफलता हासिल नहीं हुई। 1987 में उन्होंने जब सीता का किरदार निभाया तो उन्होंने न सिर्फ दर्शकों के दिलों में अपनी अहम जगह बनाई बल्कि नाम और इज्जत भी कमाई। रामायण के बाद दीपिका विक्रम बेताल, लव कुश जैसे सीरियल्स में दिखाई दीं। 1989 में दीपिका ने राजेश खन्ना की फिल्म 'घर का चिराग' और 'खुदाई' में काम किया। इसके बाद 1991 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर लोक सभा का चुनाव जीता और बाद में उन्होंने भी नीतीश भारद्वाज की तरह राजनीति को अलविदा कह दिया। इसके बाद उन्होंने शादी की और तबसे दीपिका कॉस्मेटिक कंपनी की मालकिन बन गईं। दीपिका दो बेटियों की मां हैं, जिनके नाम निधि और जूही हैं।
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महाभारत में भीम का किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार को भी दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। प्रवीण एक जाने-माने रेसलर हैं, जिन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। महाभारत के पहले वह तमाम फिल्मों में निगेटिव किरदार निभा चुके थे। 2014 में प्रवीण को आम आदमी पार्टी की ओर से टिकट मिला लेकिन बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए।
रामायण में जितना राम के किरदार के बाद राक्षण रूपी रावण की भूमिका के लिए अरविंद त्रिवेदी को सराहा जाता है। रामानंद सागर के लिए रामायण में रावण का कैरेक्टर ढूंढना मुश्किल हो गया था लेकिन बाद में उन्हें अरविंद के बारे में मालूम चला जो इस किरदार के लिए एकदम सही साबित हुए। अरविंद ने 250 हिंदी-मराठी फिल्मों में काम किया। 1991 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की और राज्य सभा के सदस्य बन गए। अरविंद को अटल बिहारी बाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी का करीबी बताया जाता है। -
वर्तमान राजनीति में रूपा गांगुली जाना-माना नाम है। रूपा को पहचान मिली महाभारत के द्रौपदी किरदार के जरिए। रूपा ने अपने करिअर की शुरुआत 1988 में आई 'साहिब' फिल्म में अनिल कपूर संग की थी। इसके बाद उन्होंने मलयालम फिल्म में भी काम किया और बाद में उन्हें द्रौपदी के किरदार के लिए अप्रोच किया गया था। इसके बाद तमाम हिंदी, मलयालम, बंगाली फिल्मों के ऑफर मिले। इसके अलावा वह एक बेहतरीन सिंगर भी हैं। 2015 में बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा से टिकट दिया। फिलहाल रूपा राज्यसभा सांसद के साथ ही पश्चिम बंगाल महिला बीजेपी की अध्यक्ष भी हैं।