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Raja Bhaiya Jail: यूपी विधानसभा चुनाव में जिस निर्दलीय विधायक की सबसे ज्यादा चर्चा होती है वो हैं रघुराज प्रताप सिंह। रघुराज प्रताप सिंह (Raghuraj Pratap Singh) को लोग राजा भैया के नाम से जानते हैं। राजा भैया यूपी में प्रतापगढ़ (Pratapgarh) के कुंडा (Kunda) विधानसभा सीट से विधायक हैं।
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राजा भैया ने साल 1993 में राजनीति में कदम रखा था। तब पहला चुनाव लड़े और जीते। उसके बाद से वह अपना एक भी चुनाव नहीं हारे। राजा भैया ने अपने पॉलिटिकल करियर में कई तरह के उतार चढ़ाव देखे। वह जेल भी जा चुके हैं।
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साल 2002 में जब मायावती यूपी की मुख्यमंत्री थीं तब उन्होंने राजा भैया को सलाखों के पीछे भेजा था। राजा भैया पर पोटा सहित अन्य आपराधिक मुकदमे दायर हुए थे। राजा भैया को करीब 11 महीने जेल में बिताना पड़ा था।
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हाल ही में द लल्लनटॉप के साथ इंटरव्यू में राजा भैया ने बताया कि जेल में उनका समय कैसे कटता था। राजा भैया के मुताबिक उन्हें दूसरे अपराधियों से दूर रखा जाता था। माता-पिता के अलावा किसी और से मिलने की इजाजत नहीं थी।
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राजा भैया ने बताया कि जेल में अखबार आता था। लेकिन जो पेपर उन्हें दिया जाता था उसमें से राजनीति खबरों वाले पन्ने हटा लिये जाते थे। सिर्फ मनोरंजन की खबरें ही पढ़ने दी जाती थीं।
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राजा भैया कुछ दिन बांदा की जेल में रहने के बाद बरेली शिफ्ट कर दिये गए। वहां पर उन्हें दो घंटे बैरक से बाहर रहने की छूट मिलती थी। इस दौरान वह अपना पूरा समय दूसरे कैदियों के साथ वॉलीबॉल खेलने में बिताते थे।
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राजा भैया ने ये भी बताया कि उन्होंने जेल के अंदर गीता और रामचरित मानस कई बार पढ़ी। राजा भैया ने जेल के अनुभवों को अपनी आंखें खोल देने वाला बताया।
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Photos: Social Media
