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ब्रिटेन के प्रिंस विलियम और उनकी पत्नी केट मिडलटन ने बुधवार (13 अप्रैल) को खुली जीप में असम के काजीरंगा राष्ट्रीय अभयारण्य का भ्रमण किया जहां दुनिया के दो-तिहाई एक सींग वाले गैंडे पाये जाते हैं। काजीरंगा के भ्रमण के बाद वे पड़ोस के गांवों में गये। <br/><br/>अभयारण्य की बागोरी रेंज में सुरक्षा वाहन उनके साथ रहे। केट मिडलटन ने जींस और काली सफेद पोल्का शर्ट पहनी थी। (स्रोत-पीटीआई)
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शाही दंपत्ति के अभयारण्य से बाहर आने के बाद उनके साथ चल रहे अधिकारियों ने काजीरंगा पार्क के बाहर इंतजार कर रहे पत्रकारों को बताया कि उन्होंने गैंडे, बारहसिंघा, भैंसे और कई अन्य जानवर देखे। शाही दंपत्ति ने बिमोली शिविर में नाश्ता किया और काजीरंगा के कर्मचारियों से गैंडों और हाथियों के स्वभाव के बारे में पूछा। (स्रोत-पीटीआई)
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प्रिंस विलियम और केट मिडिलटन इस प्रसिद्ध उद्यान के आसपास के गांवों, काजीरंगा डिस्कवरी सेंटर और वन्यजीव पुनर्वास एवं संरक्षण केद्र गये। (स्रोत-पीटीआई)
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असमिया परंपरा वाले स्कार्फ ‘बिहुवन’ पहने ड्यूक और डचेस ऑफ कैंब्रिज ने नाश्ता करने के बाद खुली जीप में दो घंटे की सफारी की। (स्रोत-पीटीआई)
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शाही दंपत्ति पनबारी इलाके में वन्यजीव पुनर्वास केंद्र गये जहां राज्यभर में मनुष्य और हाथी के संघर्ष पर एक डॉक्यूमेंट्री दिखायी गयी। (स्रोत-पीटीआई)
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ड्यूक एवं डचेज ऑफ कैम्ब्रिज काजीरंगा डिस्कवरी सेंटर भी गए जहां मार्क शैंड एशियन एलीफेंट लर्निंग सेंटर स्थित है। दोनों को कैप्टिव एलिफेंट क्लीनिक के कामकाज के बारे में बताया गया, जिसने 4883 मामलों का निस्तारण किया है। (स्रोत-पीटीआई)
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ब्रिटेन के प्रिंस विलियम और उनकी पत्नी केट मिडलटन ने बुधवार (13 अप्रैल) को खुली जीप में असम के काजीरंगा राष्ट्रीय अभयारण्य का भ्रमण किया जहां दुनिया के दो-तिहाई एक सींग वाले गैंडे पाये जाते हैं। काजीरंगा के भ्रमण के बाद वे पड़ोस के गांवों में गये। (स्रोत-पीटीआई)
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रांग तेरांग गांव में शाही दंपति पहले पारंपरिक प्रार्थना सभागार ‘नामघर’ पहुंचे और अपने जूते उतारकर अंदर दाखिल हुए। उन्होंने झुककर वेदी को नमन किया जहां नामघोष (पवित्र पुस्तक) रखी थी। उन्होंने ग्रामीणों और अधिकारियों से बातचीत की।
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रांग तेरांग गांव में शाही दंपति पहले पारंपरिक प्रार्थना सभागार ‘नामघर’ पहुंचे और अपने जूते उतारकर अंदर दाखिल हुए। उन्होंने झुककर वेदी को नमन किया जहां नामघोष (पवित्र पुस्तक) रखी थी। उन्होंने ग्रामीणों और अधिकारियों से बातचीत की। (स्रोत-पीटीआई)
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शाही दंपत्ति ने हाथियों एवं उनके पर्यावास को बचाने की जरूरत के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कुछ रेखाचित्र बनाए तथा भारत एवं ब्रिटेन तथा दुनिया के नक्शे के साथ फाइबर ग्लास के हाथियों पर हस्ताक्षर किए। (स्रोत-पीटीआई)
