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हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद ही खास महत्व रखता है। सावन के महीने में महादेव की पूजा-अर्चना की जाती है। महादेव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए भक्त तरह-तरह के उपाय करते हैं। (Photo: Indian Express) सावन में महादेव को प्रसन्न करने के लिए किन चीजों का दान करना चाहिए?
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मान्यताओं के अनुसार इस संसार में जितने भी छोटे बड़े शिवलिंग हैं उसमें भगवान शिव सावन के महीने में दिव्य रूप में समाहित हो जाते हैं और भक्तों की पूजा स्वीकार करते हैं। (Photo: Indian Express)
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वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज काशी के ही रहने वाले हैं और कई वर्षों तक उन्होंने यहीं पर रहकर तपस्या की थी। उन्होंने महादेव को खुश करने के कुछ उपाय बताए हैं जिसके जरिए भक्त उनकी विशेष कृपा भी पा सकते हैं। (Photo: @PremanandJi Maharaj/FB)
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प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि जो हरी का भक्त होगा वो हर का और जो हर का भक्त होगा वो हरी का जरूर होगा। (Photo: @PremanandJi Maharaj/FB)
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महादेव की पूजा में ज्यादा पैसे वाली सामग्री नहीं लगती है। वो तो एक चुल्लू जल में ही प्रसन्न होने वाले हैं भगवान हैं। (Photo: Indian Express) Sawan Best Bangles Colors: बेहद खास होगा आपका लुक जब सावन में पहनेंगी इस रंग की चूड़ियां, निखर उठेगी कलाई
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जो कोई स्वीकार नहीं करता वो महादेव स्वीकर करके जो पद दे देते हैं वो दुर्लभ है। सिर्फ धतूरा, बेल पत्र, अकौड़े के फूल और गंगा जल चढ़ा देने मात्र से ही भगवान शंकर प्रसन्न हो जाते हैं। (Photo: Indian Express)
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प्रेमानंद महाराज के अनुसार, महादेव बड़े कृपालु हैं, वो आशुतोष हैं और करुणा समुद्र हैं। उनकी आराधना से ज्ञान, भक्ति वैराग्य और ईश्वर जो चाहो सब प्रदान कर देते हैं। (Photo: Indian Express)
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एक कथा सुनाते हुए प्रेमानंद महाराज कहते हैं एक बार भगवान श्री राम अयोध्या वासियों को बैठाकर कहते हैं कि, मैं राजा के रूप में आदेश नहीं दे रहा हूं बल्कि सबसे हाथ जोड़ कर विनती कर रहा हूं कि, ‘यदि कोई मेरी भक्ति चाहता है तो उसके लिए भगवान शंकर की कृपा आवश्यक है। बिना भगवान शंकर की कृपा के कोई मेरी विशुद्ध भक्ति प्राप्त नहीं कर सकता है’। (Photo: @PremanandJi Maharaj/FB) सावन में झूला झूलने, हरी साड़ी पहनने और मेहंदी लगाने का क्या है महत्व?
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प्रेमानंद महाराज के अनुसार हरिहर एक ही हैं। हरि यानी भगवान विष्णु और हर यानी भगवान शंकर। इसलिए चलते फिरते, उठते बैठते आराध्य देव का स्मरण सबसे बड़ी साधना है। भगवान शंकर बहुत ही करुणामय हैं। (Photo: Indian Express)
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अगर कोई भी साधक अनन्य हो जाए तो आगे अंदर का मार्ग महादेव खोल देते हैं। वो ज्ञानसमुद्र हैं। बस साधक को चाहिए कि इष्ट के अनन्य हो जाए। (Photo: Indian Express)
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प्रेमानंद महाराज के अनुसार, अगर कोई प्राणी सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करता है तो वो उसकी पूजा जरूर स्वीकार करते हैं। (Photo: Indian Express) जीवन में सुख-शांति के लिए सावन से पहले पूजा घर से हटा लें ये 7 चीजें
