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हाल ही में प्रतापगढ़ में बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता पर कुछ लोगों ने हमला बोल दिया। इस हमले का वीडियो वायरल भी हुआ। वीडियो में दिख रहा है कि कुछ लोग सांसद को दौड़ा कर पीट रहे हैं। आपको बता दें कि पिछले कुछ समय में बीजेपी के कई सांसदो और विधायकों पर हमले हो चुके हैं। इनमें से एक ने तो पुलिस थाने में अपनी पिटाई के आरोप भी लगाए। आइए डालते हैं ऐसे ही कुछ नामों पर एक नजर:
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प्रतापगढ़ से भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता पर लोगों ने तब हमला कर दिया जब वह जिले के रामपुर विधानसभा में एक मेले में पहुंचे थे। सांसद का कहना है कि वह मंच पर जा रहे थे। पहले से प्लानिंग कर 50 से 60 लोग बैठे थे। वहां पर इंस्पेक्टर सांगीपुर के साथ मारपीट की जा रही थी। मैंने रोका तो मेरे ऊपर भी अटैक कर दिया।
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अगस्त 2020 में बिहार में सीवान के बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल की पिटाई का वीडियो भी वायरल हुआ था। तब वह इलाके में बाढ़ पाहत शिविर का जायजा लेने पहुंचे थे तभी कुछ लोगों ने उनकी पिटाई कर दी थी।
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मार्च 2021 में पंजाब के मलोट शहर में बीजेपी विधायक अरुण नारंग के साथ भी हिंसा हुई थी। लोगों ने उनकी पिटाई कर उनके कपड़े फाड़ दिये थे और मुंह पर कालिख भी पोत दी थी। इस मामले में पंजाब पुलिस ने करीब 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था।
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अप्रैल 2021 में प्रतापगढ़ के रानीगंज से बीजेपी एमएलए अभय कुमार उर्फ धीरज ओझा का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह फटे कपड़ों के साथ सड़क पर लेटकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। तब उन्होंने आरोप लगाया था कि डीएम ऑफिस में एसपी सिटी ने उन्हें पीटा और कपड़े फाड़ दिये।
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बीजेपी के एक और एमएलए राकेश सिंह की पिटाई का वीडियो भी वायरल हो चुका है। इसमें उनपर हमला करने वाले कोई और नहीं बल्कि उन्हीं की पार्टी के सांसद रहे दिवंगत शरद त्रिपाठी थे। मामला मार्च 2019 का है जब किसी बैठक के दौरान बीजेपी सांसद ने बीजेपी एमएलए की जूतों से पिटाई कर दी थी।
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दिसंबर 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान बांसवाड़ा में गुजरात के सुरेंद्रनगर से बीजेपी सांसद देवजी भाई ने राहुल गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी। इस पर वहां के लोगों ने बीजेपी सांसद को घेर लिया। जमकर बहस हुई। बीजेपी सांसद को माफी मांगनी पड़ी। इसके बाद भी लोगों ने उन्हें वहां सभा नहीं करने दी और अंत में बीजेपी सांसद को वहां से लौटना पड़ा था।
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बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान को सितंबर 2021 में लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा था। तब वह अपने क्षेत्र में चौरीचौरा के राजधानी गांव में बाढग़्रस्त इलाके का जायजा लेने पहुंचे थे। सांसद जैसे ही पहुंचे ग्रामीण उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। लोगों का कहना था कि अगर बाढ़ से बचाव के लिए सांसद ने पहले उचित कदम उठाए होते तो ऐसे हालात ना होते।
