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Prashant Kishor Vs BJP: प्रशांत किशोर ने 2014 में बीजेपी और नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के लिए जिस तरह से चुनावी रणनीति बनाई उसने हर किसी को प्रभावित किया। बीजेपी के प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आने के पीछे प्रशांत किशोर की रणनीतियों का भी बड़ा हाथ बताया जाता है। हालांकि एक वक्त ऐसा आया जब नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी माने जाने वाले प्रशांत किशोर ने खुद को बीजेपी से अलग कर लिया। तब ऐसा भी कहा गया कि अमित शाह (Amit Shah) के कारण पीके ने ऐसा फैसला लिया।
प्रशांत किशोर का दावा- प्रियंका के यूपी आने से कांग्रेस को तात्कालिक फायदा नहीं, पर 2022 चुनाव में दिखेगा बड़ा असर। (फाइल फोटो) -
प्रशांत किशोर ने अपने पॉलिटिकल डेब्यू के लिए नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड को चुना। हालांकि कुछ समय बाद ही उनका जदयू से मोह भंग हो गया और उन्होंने खुद को पार्टी से किनारे कर लिया।
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हिंदी न्यूज चैनल आज तक पर उनसे एक इंटरव्यू में पूछ लिया गया कि क्या उन्होंने अमित शाह के कारण बीजेपी से किनारा किया? इसपर उन्होंने कहा कि नहीं ऐसा नहीं है।
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प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं अपना अस्तित्व बचाने के लिए ना कि अमित शाह से मुकाबला करने के लिए नीतीश कुमार के साथ गया था। भला अमित शाह से मेरा क्या मुकाबला। मैं उनके सामने बहुत अदना इंसान हूं।
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जदयू में शामिल होने को लेकर प्रशांत किशोर का कहना था कि उन्हें नीतीश के विचारों में भरोसा था इसलिए वह उनके साथ हो लिये थे।
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प्रशांत किशोर 2014 में चाय पर चर्चा को अपना सबसे बेहतरीन कैंपेन बताते हैं। वहीं पंजाब में कांग्रेस के लिए काम करने को बड़ी भूल करार देते हैं।
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Photos: PTI, Indian Express and Social Media
