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साल 2019 के लोकसभा चुनाव में हर तरह के उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया। 17वीं लोकसभा चुनावों में जहां एक ओर सनी देओल, गौतम गंभीर, नुसरत जहां और मिमि चक्रबर्ती जैसी जानी-मानी शख्सियतों ने राजनीति में एंट्री मारी तो वहीं दूसरी ओर कई गुमनाम लोग भी अब सांसद बन नामी चेहरों में शुमार हो गए हैं। आंध्र प्रदेश की लोकसभा सीटों से इस बार तमाम ऐसे लोग सांसद बने हैं जो अब तक एक आम इंसान थे लेकिन जनता का विश्वासमत जीतकर अब खास बन गए हैं। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 22 सासंदों में से किसान, सर्किल इंस्पेक्टर, फिजिकल एजुकेशन टीचर जैसे आम लोग राजनेता बन गए हैं। इन्हीं सासंदों में एक नाम है नंदीगम सुरेश का, जिनके बारे में हम यहां बात कर रहे हैं। नंदीगम सुरेश ने आंध्रप्रदेश की बापटला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। उन्होंने तेलुगू देशम पार्टी के मलयाद्रि श्रीराम को भारी मतों से हराया है। जानिए नंदीगम के बारे में और भी बहुत कुछ। (All Pics- Nandigam Suresh Babu Facebook)
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नंदीगम एक साधारण परिवार से आते हैं और गांव में खेती करते हैं। नंदीगम के पास अपनी 2 एकड़ जमीन है जिससे वह संयुक्त परिवार की आजीविका चलाते हैं।
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गांव में केले की खेती करने के अलावा सुरेश पार्ट टाइम फोटोग्राफर के तौर पर भी काम करते हैं।
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जब जगनमोहन रेड्डी ने वाईएसआर कांग्रेस बनाई तो सुरेश को इस पार्टी का यूथ विंग का नेता चुना गया। बाद में उन्हें पार्टी का इंचार्ज बना दिया गया।

43 साल के सुरेश की शैक्षणिक योग्यता आठवीं कक्षा तक है लेकिन राजनीति की उन्हें पैनी समझ है। -
हिंदी और अंग्रेजी का ज्ञान न होने के कारण सुरेश ने जगनमोहन से वाईएसआर कांग्रेस की पोस्ट न दिए जाने को लेकर आग्रह किया था लेकिन रेड्डी ने उन्हें न सिर्फ पार्टी का इंचार्ज बनाया बल्कि उम्मीदवार भी घोषित किया। लिहाजा उन्होंने 2019 के चुनावों में जीत कर रेड्डी के अलावा जनता का विश्वास भी जीता।
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सुरेश समाज में जन कल्याण कार्यों के लिए भी काफी फेमस हैं।