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भारतीय राजनीति में कई राजनेता ऐसे हुए है, जिन्होंने काफी लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला है। इन नेताओं के राज्य की पहचान उनके नाम से ही की जाती थी। ऐसे में प्रदेश की जनता ने दशकों तक एक ही नेता पर अपना विश्वास दिखाया। तस्वीरों में ऐसे राजनेताओं को देखें जिन्होंने लंबे समय तक सत्ता की कुर्सी को संभाला और प्रदेश की जनता के लिए सराहनीय काम कर मिसाल बने।
पवन कुमार चामलिंग- सबसे लंबे वक्त तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेताओं में सिक्किम के पवन कुमार चामलिंग का नाम सबसे उपर है। उन्होंने 5 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। पवन कुमार चामलिंग ने 12 दिसंबर 1994 को पहली बार सीएम पद की शपथ ली थी। ज्योति बसु- ज्योति बसु ने काफी लंबे समय तक पश्चिम बंगाल की कमान संभाली है। बसु साल 1977 से 2000 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे. 23 साल तक मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ ज्योति बसु लगभग पांच दशक तक देश के राजनीतिक परिदृश्य पर भी छाए रहे। गोंग अपांग- अरुणाचल प्रदेश के गोंग अपांग भी सबसे लंबे वक्त तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेताओं में शामिल हैं। गेगांग अपांग साल 1980 से 1999 तक अरुणाचल प्रदेश के सीएम रह चुके हैं। उन्होंने 19 सालों तक सत्ता पर राज किया। ललथनहवला- ललथनहवला ने काफी लंबे समय तक बतौर मुख्यमंत्री मिजोरम की कमान संभाली। वो 21 साल तक मिजोरम के मुख्यमंत्री रहे। साल 1984 में उन्होंने पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। नवीन पटनायक- नवीन पटनायक को 20 सालों तक ओडिशा की जनता का सेवा करने का मौका मिला। उन्होंने पांच बार मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला। इनके बारे में मशहूर है कि वो शायद भारत के सबसे चुप रहने वाले राजनेता हैं जिन्हें शायद ही किसी ने ऊंची ज़ुबान में बात करते सुना है। माणिक सरकार- माणिक सरकार करीब 20 सालों तक त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्होंने 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। ऐसा कहा जाता है कि माणिक सरकार अपना पूरा वेतन पार्टी फंड के लिए दान कर देते थे। एम. करुणानिधि- मुथुवेल करुणानिधि भारतीय राजनीति का एक बड़ा नाम है। वो एक लेखक और राजनेता थे। उन्होंने 18 साल तक तमिलनाडु की कमान संभाली। वो चार बार मुख्यमंत्री रहे। 7 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया। (All images from Indian Express Archives)
