प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारत और रवांडा के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने साथ ही रवांडा को पूरे अफ्रीका का मुख्यद्वार बताया। मोदी ने किगाली में भारत-रवांडा बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए कहा, "हम भारत और रवांडा के बीच आर्थिक संबंध बेहतर करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "हमारे देश साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं। ग्रामीण विकास और छोटे स्तर के उद्योगों में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि जैसा कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है, हमारा मंत्र 'सबका साथ, सबका विकास' है। प्रधानमंत्री ने कहा, "हम आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन जो हमारे साथ हैं, हम उन्हें भी आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं। हम एकसाथ आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि एक समय जब दुनिया अफ्रीका की ओर नहीं देख रहा था, भारतीय इस महादेश में गए और इसके विकास का हिस्सा बने। मोदी को यहां देखकर रवांडा भारतीय समुदाय के लोगों के बीच खुशी की लहर देखने को मिली, जो कि आप तस्वीरों में साफ देख सकते हो। (All Photos- Twitter) -
राहुल को जवाब देने के बाद पीएम मोदी रवांडा पहुंचे हैं। जहां पर उन्हें लेने रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कामगे स्वयं पहुंचे।
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मोदी तीन अफ्रीकी देशों की पांच दिवसीय यात्रा पर सोमवार को रवांडा पहुंचे। वहां के बाद वह युगांडा और दक्षिण अफ्रीका जाएंगे। रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागमे के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद, भारत और रवांडा ने रक्षा, कृषि, डेयरी उत्पाद, चमड़ा और संबद्ध क्षेत्रों समेत आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए। भारत ने रवांडा के साथ 20 करोड़ रुपये के दो लाइंस ऑफ क्रेडिट(एलओसी) का विस्तार किया। मोदी ने यह भी घोषणा की कि भारत रवांडा में एक नया उच्चायोग खोलेगा। रवांडा के लिए भारतीय उच्चायुक्त का आवास युगांडा में है।
पीएम मोदी जैसे ही रवांडा पहुंचे उनसे मिलने के लिए भारतीय समुदाय में काफी उत्सुकता देखने को मिली। मोदी की एक झलक पाने और उनसे हाथ मिलाने के लिए लोगों की धक्का-मुक्की भी देखने को मिली। -
हर किसी को चाह थी कि वो एक बार अपने देश के पीएम को देखें और उनके साथ सेल्फी लें।
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पीएम मोदी ने भी यहां आकर ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलने की कोशिश की।
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मोदी यहां की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर आए हैं।
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यहां आकर मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मंगलवार को रवांडा में किगाली नरसंहार स्मारक गए। पूर्वी अफ्रीकी देश में तुत्सी लोगों के खिलाफ 1994 में हुए नरसंहार के दौरान मारे गए 2,50,000 से अधिक लोगों को यहीं दफनाया गया था। तत्कालीन बहुमत वाली हुतु सरकार ने 100 दिनों के अंदर तुत्सी समुदाय के लाखों लोगों की हत्या कर दी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवांडा में ग्रामीणों को आज 200 गायें दान में दीं। उन्होंने गरीबी घटाने और बाल कुपोषण से निपटने के लिए देश के राष्ट्रपति पॉल कागमे के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘ गिरिनका ’ की सराहना भी की। कागमे ने वर्ष 2006 में ‘ गिरिनका कार्यक्रम ’ शुरू किया था। इसका उद्देश्य हर गरीब परिवार को पोषण और वित्तीय सुरक्षा मुहैया करने के लिए उसे एक गाय देना है। -
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवेरू गांव में गिरिनका – एक गाय प्रति गरीब परिवार कार्यक्रम के तहत 200 गायें दान में दी। गिरिनका एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है , जो गरीबों को पोषण और वित्तीय सुरक्षा , दोनों ही मुहैया करता है।
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प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि ‘ गिरिनका ’ शब्द का अर्थ है – ‘ क्या आपके पास के एक गाय है ’ । यह रवांडा में सदियों पुरानी एक सांस्कृतिक परंपरा को बयां करता है , जिसके तहत कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को एक गाय देता है। यह सम्मान और आभार के प्रतीक के तौर पर दिया जाता है।
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उन्होंने रवेरू मॉडल गांव में एक कार्यक्रम में गरीब परिवारों को ये गायें दान में दी। इस अवसर पर मोदी ने सरकार की गिरिनका कार्यक्रम की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि दूर दराज स्थित रवांडा के गांवों में आर्थिक सशक्तिकरण के साधन के तौर पर गायों को इतना महत्व देता देख कर भारत में भी लोगों को अच्छा लगेगा।
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The Kigali Genocide Memorial पर रवांडा के साथ पीएम मोदी।