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ब्रिटेन में आयोजित किए गए 25वें 'गुडबुड फेस्टिवल ऑफ स्पीड' में भारत की पहली हाइपरकार के कॉन्सेप्ट ने सभी का ध्यान खींच लिया। यह एक इलेक्ट्रिक कार है और इसे मुंबई की कंपनी वाजीरानी ऑटोमोटिव के सह-संस्थापक और चीफ डिजायनर चंकी वाजीरानी ने डिजाइन किया है। दावा किया जा रहा है कि यह ईको फ्रेंडली कार जेट इंजन वाली टर्बाइन इलेक्ट्रिक पावरट्रेन तकनीक पर आधारित है जो कि अमूमन कारों में नहीं दिखाई देती है। इस कार का कॉन्सेप्ट नाम SHUL है जिसका उच्चारण शूल बताया जा रहा है। टर्बाइन इंजिन किसी भी दहनशील तरल ईंधन पर चल सकते हैं लेकिन प्रकृति प्रेमियों को ध्यान रखते हुए शूल इस तरह डिजाइन की गई है कि यह साधारण गैसोलीन पर चल सकती है। कार के चारों पहियों में इलेक्ट्रिक मोटर लगाई गई हैं जो कि फुल्ली इंडीपेंडेंट टॉर्क वेक्टरिंग देती है यानी गाड़ी स्मूथ चलती है। हर मोटर को सिंगल रेशियो गियरबॉक्स से पावर सप्लाई होती है। (सभी तस्वीरें Twitter/Gran Turismo से)
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वाजीरानी के मुताबिक कार हल्की है क्योंकि इसमें कार्बन फाइबर टब चेसिस का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा बीएमडब्ल्यू में आई8 में कार्बन फाइबर का इस्तेमाल होता है। टर्बाइन पावर के कारण बैटरियां छोटी और हल्की हैं।
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चंकी वाजीरानी जैगुआर-लैंड रोवर और रोल्स रॉयस के लिए काम कर चुके हैं। वह कहते हैं कि उनका बैटरी पैक महज 300 किलोग्राम का है जोकि एक फायदा यह देता है कि उन्हें चलते हुए चार्ज किया जा सकता है।
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वाजीरानी कहते हैं कि वह 0 से 62 मील यानी करीब 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर यकीन नहीं करते हैं, उनका फोकस शूल की हैंडलिंग पर है, जोकि उन्हें फॉर्म्युसा जीतने जैसी खुशी देता है। इस सुपर कार को लेकर फिलहाल ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सुपरकार का प्रोटोटाइप इस वर्ष के अंत तक आ सकता है।
