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भारत में मान्यता है कि शव को जितनी जल्दी हो जला या दफना देना चाहिए, मगर दुनिया में एक जगह ऐसी है जहां शव को घरों में रखना अशुभ नहीं माना जाता। इंडोनेशिया के टोराजा संप्रदाय के लोग अपने पुराने लकड़ियों से बने घरों के लिए तो जाना ही जाता है, इसके अलावा अपनी एक खास प्रथा के लिए भी ये पूरी दुनिया में प्रचलित हैं।
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टोराजा संप्रदाय मानते हैं कि मौत जीवन का अंत नहीं है और जो मर गया वो भी जिंदा है। ये लोग मुर्दों को एक जिंदा शख्स की तरह ही मानते हैं, उसे साथ रखते हैं और उन्हें खाना भी खिलाते हैं। मुर्दों को साथ रखने की इस परंपरा को लाखों लोग मानते हैं।
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ये लोग अपने परिवार में मर चुके लोगों को कपड़े पहनाकर रखते हैं, उन्हें नहलाते हैं और तैयार करते हैं। इस संप्रदाय में जब किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसे दफनाने की जगह एक भैंस की बलि दी जाती है। इनका मानना होता है कि जितने ज्यादा जानवरों की बलि दी जाए, मृत व्यक्ति की आत्मा के लिए उतना ही बेहतर रहता है।
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यहां मृत्यु को लोग एक उत्सव की तरह मनाते हैं। भैंसों की बलि देने के बाद मुर्दों को दफनाने का काम किया जाता है। मृत व्यक्ति को पैतृक दुर्ग में खाने के सामान और सिगरेट के साथ रखते हैं।
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मृत शरीर को कई वर्षों तक सुरक्षित रखने के लिए उसके शरीर को फॉर्मल्डहाइड और पानी के घोल से सुरक्षित रखते हैं। ये लोग हर साल अगस्त महीने में कब्र को खोलते हैं, उन्हें साफ करते है और नए कपड़े पहनाकर फिर से दफन कर देते हैं।