पंजाब के पठानकोट में एक एयरफोर्स स्टेशन पर हुए हमले के बाद पांचों आतंकियों को आखिरकार ढेर कर दिया गया। सुबह साढ़े तीन बजे आतंकियों के हमला करने के बाद मिशन शाम साढ़े छह बजे खत्म हुआ। मिशन के खत्म होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह ने जवानों को बधाई दी। आतंकियों के खिलाफ चले इस लंबे मिशन में तीन जवान भी शहीद हो गए। जमीन पर सुरक्षाकर्मी आतंकियों से मोर्चा तो ले ही रहे थे, एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर्स से भी इस मिशन में शामिल किया गया। पुलिस ने बताया कि आतंकियों के खिलाफ अभियान में सेना, वायु सेना कर्मियों, हेलीकॉप्टरों, एनएसजी कमांडो और स्वैट दलों ने हिस्सा लिया। आतंकियों को खत्म करने के लिए आसमान से गोलियां बरसाईं गईं। आगे की स्लाइड्स में देखें मुठभेड़ की फोटोज, साथ में जानें इस हमले से जुड़ी अहम बातें -
वायुसेना ने कहा कि उसे खुफिया सूचना मिल गयी थी कि ऐसा हमला होगा। सही समय पर खुफिया सूचना मिलने और त्वरित कार्रवाई से पठानकोट वायुसेना स्टेशन में उसके महत्वपूर्ण संपत्तियों को नष्ट करने की आतंकवादियों की योजना नाकाम हो गयी।
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हमले की आशंका शुक्रवार को ही हो गई थी जब पुलिस अधीक्षक सलविंदर सिंह और उनके दो साथियों का चार से पांच संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकियों ने अपहरण कर लिया था। सेना की वर्दी पहने इन संदिग्ध आतंकियों ने अपहृत व्यक्तियों को पीटा था और कुछ दूर जा कर उनकी गाड़ी से उन्हें उतार दिया था। उन्होंने पुलिस अधीक्षक के मित्र राजेश का गला भी काटा था।
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पाकिस्तान सीमा से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पठानकोट वायुसेना केंद्र वायुसेना के मिग-21 जंगी विमानों और एमआई-25 जंगी विमानों का अड्डा है। आतंकवादियों का यह समूह पठानकोट वायुसेना पर पहुंचा, प्रभावी तैयारी तथा सभी सुरक्षा एजेंसियों के समन्वित प्रयास की वजह से हवाई निगरानी प्लेटफार्म के जरिए उसका पता चल गया।
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हमले की आशंका के चलते बीती रात एनएसजी कमांडो का एक दल यहां भेज दिया गया था। सेना की एक टुकड़ी भी वायु सेना स्टेशन में मोर्चा संभाले हुए थी। सलविंदर सिंह पर हमला करने वाले संदिग्ध आतंकी उनका फोन भी अपने साथ ले गए थे। आशंका है कि उन्होंने फोन का उपयोग पाकिस्तान में कॉल करने के लिए किया था।
सूत्रों ने अभियान का ब्यौरा देते हुए बताया कि भारी मात्रा में आरडीएक्स लिए आतंकियों ने वायु सेना स्टेशन में पीछे से प्रवेश किया जहां जंगल है। लेकिन वे वायु सेना स्टेशन परिसर के बाहरी घेरे के पास बने ‘लंगर’ से आगे नहीं बढ़ सके क्योंकि सुरक्षा बल उनका मुकाबला करने के लिए तैयार थे। आतंकियों के खिलाफ अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की सीधी निगरानी में चलाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अचानक हुई लाहौर यात्रा के एक सप्ताह बाद हुआ यह हमला शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने के मंसूबे से किया गया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि सरकार के पास विश्वसनीय सूचना है कि पठानकोट में हुए आतंकी हमले की साजिश पाकिस्तान में कुछ तत्वों ने रची थी। इन आतंकवादियों के जैश ए मोहम्मद संगठन से जुड़े होने का संदेह है। -
हमले के मद्देनजर पंजाब को अधिकतम अलर्ट पर रखा गया, जबकि समीपवर्ती हरियाणा और दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई। पठानकोट-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई।चंडीगढ़ और हलवाड़ा स्थित चंडीगढ़ वायु सेना स्टेशनों पर तथा अंबाला स्थित वायु सेना स्टेशन पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई।
एक साल के अंदर पंजाब में यह दूसरा बड़ा आतंकी हमला है। पिछले साल जुलाई में तीन आतंकियों ने दीनानगर में पुलिस थाने में घुस कर गोलीबारी की थी। लगभग 12 घंटे की गोलीबारी के बाद इन आतंकियों को मार डाला गया था। आगे की स्लाइड्स में कुछ अन्य तस्वीरों में देखें आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने कैसे दिया मिशन को अंजाम -
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