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दुनिया में भाषाओं की बात होती है तो सबसे पहले भारत, इंडोनेशिया या अफ्रीका के कई देशों का नाम आता है। लेकिन एक ऐसा देश है, जिसकी आबादी ज्यादा नहीं है, फिर भी यहां भाषाओं की संख्या किसी बड़े महाद्वीप से भी ज्यादा है। (Photo Source: Pexels)
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दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित ‘पापुआ न्यू गिनी’ दुनिया का सबसे ज्यादा भाषाई विविधता वाला देश है। यहां 840 से अधिक जीवित भाषाएं बोली जाती हैं, यानी पूरी दुनिया की कुल भाषाओं का लगभग 12% सिर्फ इसी एक देश में मौजूद है। (Photo Source: Unsplash)
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इतनी भाषाएं क्यों? हर 5–10 किलोमीटर पर बदल जाती है भाषा
पापुआ न्यू गिनी की भौगोलिक स्थिति इसकी भाषाई विविधता की सबसे बड़ी वजह है। यहां घने जंगल, ऊंचे पर्वत, खड़ी घाटियां और अलग-थलग बसे द्वीप हैं। सदियों तक लोग एक-दूसरे से कटे हुए रहे, यात्रा और संपर्क लगभग न के बराबर था। (Photo Source: Pexels) -
ऐसे में हर कबीले ने अपनी अलग भाषा विकसित कर ली, जो पीढ़ियों से चली आ रही है। यही कारण है कि कई गांवों में लोग एक-दूसरे की भाषा तक नहीं समझ पाते। (Photo Source: Pexels)
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दुनिया की सबसे छोटी वर्णमाला यहीं बोली जाती है
पापुआ न्यू गिनी की भाषाई विविधता का एक दिलचस्प उदाहरण ‘रोतोकास’ भाषा है। इस भाषा में सिर्फ 11 ध्वनियां हैं, जो इसे दुनिया की सबसे छोटी वर्णमालाओं में से एक बनाती हैं। (Photo Source: Unsplash) -
वहीं दूसरी ओर, यहां की दो प्रमुख संपर्क भाषाएं हैं- ‘हिरी मोटू’ और ‘टोक पिसिन’ (पिजिन इंग्लिश)। टोक पिसिन इतना लोकप्रिय है कि यह देश की अनौपचारिक सामान्य भाषा बन चुकी है। (Photo Source: Pexels)
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अंग्रेजी ऑफिशियल भाषा, लेकिन सिर्फ 1-2% लोग ही बोल पाते हैं
हालांकि पापुआ न्यू गिनी की ऑफिशियल भाषा अंग्रेजी है, लेकिन इसे बहुत कम लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करते हैं। देश की बड़ी आबादी अपनी स्थानीय भाषाओं या टोक पिसिन में बातचीत करती है। (Photo Source: Unsplash) -
सैकड़ों भाषाएं विलुप्त होने के कगार पर
भाषाओं की इतनी अधिक संख्या एक गर्व की बात है, लेकिन इसका एक दुखद पहलू भी है। तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और आधुनिक शिक्षा के विस्तार के कारण 100 से ज्यादा भाषाएं खतरे में हैं। (Photo Source: Pexels) -
कई भाषाएं एक ही पीढ़ी में समाप्त हो चुकी हैं, क्योंकि उन्हें बोलने वाले कुछ ही लोग बचे थे और नई पीढ़ी ने उन्हें अपनाया नहीं। UNESCO ने पापुआ न्यू गिनी को ‘Languages Paradise’ यानी ‘भाषाओं का स्वर्ग’ कहा है, लेकिन इस स्वर्ग की कई भाषाएं धीरे-धीरे मिट रही हैं। (Photo Source: Pexels)
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दुनिया के अन्य देशों में भाषाएं
इंडोनेशिया में 700+ भाषाएं बोली जाती हैं, नाइजीरिया में 500+ भाषाएं, तो वहीं भारत में 450+ भाषाएं बोली जाती है। इसके बावजूद भाषाई विविधता के मामले में पापुआ न्यू गिनी आज भी दुनिया में नंबर 1 है। (Photo Source: Pexels) -
भाषा सिर्फ आवाज नहीं, यह पहचान है
पापुआ न्यू गिनी का उदाहरण हमें यह बताता है कि भाषा सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं है, यह संस्कृति, इतिहास, लोक कथाओं, और पहचान का खजाना होती है। जब कोई भाषा खत्म होती है, तो उसके साथ उस समुदाय की पूरी सांस्कृतिक विरासत भी खो जाती है। (Photo Source: Unsplash)
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