निरंकारी समुदाय के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह की शुक्रवार(13 मई) को कनाड़ा में एक कार हादसे में मौत हो गई। बाबा हरदेव सिंह का जन्म संत निरंकारी मिशन के पिछले सतगुरु गुरबचन सिंह और उनकी पत्नी कुलवंत कौर के घर हुआ था। उन्होंने पटियाला और दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी। साल 1971 में निरंकारी सेवा दल में बतौर प्राथमिक सदस्य जुड़े थे। उनके पिता सतगुरु संत गुरबचन सिंह की हत्या के बाद उन्होंने निरंकारी समुदाय के प्रमुख की गद्दी संभाली थी। (Photo Source: Express Archive) संत निरंकारी आंदोलन की शुरुआत 20वीं सदी के शुरुआत में बाबा बूटा सिंह ने शुरु किया था। निरंकारी समुदाय के लोग जिंदा गुरु को मानते हैं, जबकि सिख धर्म में धर्मग्रंथ को ही आखिरी गुरु माना जाता है। इस मतभेद को लेकर संत निरंकारी आंदोलन की शुरुआत हुई थी। जिसकी वजह से साल 1929 में निरंकारी समुदाय सिखों से अलग हो गया था। (Photo Source: Express Archive) -
सतगुरु गुरबचन सिंह की हत्या अखंड किरतानी जत्था से जुड़े सिख कट्टरपंथियों ने कर दी थी। वे निरंकारी समुदाय की बढ़ती शक्तियों से परेशान थे। (Photo Source: Express Archive)
-
सतगुरु गुरबचन सिंह की हत्या के बाद बाबा हरदेव सिंह ने अपने पिता की गद्दी संभाली। (Photo Source: Express Archive)
-
साल 2005 में बाबा हरदेव सिंह ने निरंकारी म्यूजियम की शुरुआत की थी। यह म्यूजियम नई दिल्ली में संत निरंकारी सरोवर में है। (Photo Source: Express Archive)
-
इस वक्त दुनिया भर में बाबा हरदेव सिंह के 1 करोड़ से ज़्यादा अनुयायी हैं। (Photo Source: Express Archive)
-
दुनिया भर के 27 देशों में निरंकारी मिशन है और इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है। पूरे विश्व में करीब 2,000 सेंटर्स हैं। (Photo Source: Express Archive)
