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जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में इस बार मेडलों की लिस्ट में आपने तमाम ऐसे चेहरे देखे जो कल तक गुमनाम थे और अब देश की पहचान बन चुके हैं। हिमा दास, दुती चंद, स्वप्ना बर्मन, मंजीत सिंह जैसे एथलीट जिनसे कल तक पूरी दुनिया अंजान थी लेकिन अब ये देश के गौरव को बढ़ाने वाले एथलीट बन चुके हैं। अलग-अलग राज्यों से ताल्लुक रखने वाले इन एथलीटों की राज्य सरकारों ने किसी को नौकरी देने का वादा किया है तो किसी को बड़ी इनामी राशि देने का ऐलान किया है। लेकिन राज्य सरकारों द्वारा किया गया वादा पूरा किया जाएगा इस पर फिलहाल असमंजस हैं क्योंकि इसी बीच एक एथलीट चर्चा में आया है। दरअसल, यहां हम बात कर रहे हैं 28 साल के पैरा एथलीट मनमोहन सिंह लोधी के बारे में, जो इन दिनों सड़कों पर भीख मांग रहा है। (All Photos- ANI)
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मनमोहन सिंह ने साल 2017 में अहमदाबाद में हुए नेशनल गेम्स में सिल्वर मेडल लाए थे। 10 साल पहले मनमोहन अपना दाहिना हाथ खो चुके हैं। उन्होंने हौंसला नहीं हारा और 100 मीटर की दौड़ में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। इसके बाद शिवराज सिंह से मनमोहन ने कई बार मुलाकात कर नौकरी लगवाने की गुहार लगाई लेकिन अब उनकी कोई सुध नहीं ले रहा।
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मनमोहन सिंह अब अपने मेडल और एथलीट यूनिफॉर्म पहनकर सड़क पर भीख मांगकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, ताकि उनकी कोई सुध ले।
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एनएनआई के मुताबिक लोधी का कहना है कि उन्होंने शिवराज सिंह से मुलाकात की और अपना हाल सुनाया तो सिर्फ दिलासा मिला और कुछ नहीं।
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आपको बता दें कि इससे पहले मध्यप्रदेश के रीवा जिले की सीता साहू भी चर्चा में आई थीं, जिन्होंने स्पेशल समर ओलपिंक में ब्रोंज मेडल हासिल किया था। इसके बाद सरकार उनकी सुध लेना भी भूल गई थी। बाद में सीता अपना करिअर छोड़ पानी पूरी बेचने लगी थीं। हालांकि तीन साल बाद सरकार ने उनकी सुध ली और उन्हें 5 लाख की इनामी राशि दी। हालांकि सीता को रनिंग प्रैक्टिस के लिए कोई खास मदद नहीं की गई। वह अब भी अपने खेतों में दौड़ लगाती हैं।
