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यूपी विधानसभा चुनावों (UP Assembly Elections) के बीच स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) और उनका परिवार चर्चा में हैं। मौर्य ने अचानक से योगी (Yogi Adityanath) सरकार में कैबिनेट मंत्री से इस्तीफा दिया और जाकर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात की। संभावना जताई जा रही है कि वह बीजेपी (BJP) का दामन छोड़ सपा (SP) के साथ जा सकते हैं। हालांकि सपा के खिलाफ वह हमेशा से मुखर रहे हैं। उनकी बेटी संघमित्रा (Sanghmitra Maurya) ने तो अखिलेश के गढ़ में ही सेंध लगा दी थी।
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संघमित्रा मौर्य यूपी में बदायूं से बीजेपी की लोकसभा सांसद हैं। संघमित्रा ने 2019 में यहां से अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को पराजित किया था।
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बदायूं क्षेत्र मुलायम परिवार का गढ़ माना जाता है। यहां पर लंबे समय से सपा का दबदबा रहा है। खुद धर्मेंद्र यहां से लगातार 10 साल लोकसभा सांसद रहे हैं।
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लेकिन 2019 में बसपा छोड़ बीजेपी में शामिल होने के बाद संघमित्रा मौर्य ने सपा के गढ़ में सेंध मारी और धर्मेंद्र यादव को पराजित कर दिया।
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स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा इससे पहले भी अखिलेश यादव के परिवार के खिलाफ ताल ठोक चुकी हैं।
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2014 में वह मुलायम सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं। तब वह बसपा के टिकट पर मैनपुरी से मैदान में उतरी थीं। हालांकि उस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
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बता दें कि संघमित्रा मौर्य के पूर्व पति डा. नवल किशोर शाक्य, जिनसे 2021 में उनका तलाक हो चुका है, वह समाजवादी पार्टी में ही हैं।
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Photos: PTI and Social Media
