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भारतीय राजनीति में परिवारवाद कोई नई बात नहीं है। (Akhilesh Yadav) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जैसे कई ऐसे नेता हैं जिन्हें विरासत में राजनीति मिली। वहीं मायावती (Mayawati) जैसे कई बड़े नेता ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी मेहनत से राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल किया है। आइए जानते हैं लालू प्रसाद (Lalu Prasad yadav) और मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) जैसे अन्य बड़े नेताओं के नाम जो छात्र राजनीति से निकले:
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भाजपा की दिवंगत राजनेता सुषमा स्वराज ने 1970 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ हरियाणा में छात्र राजनीति से अपने पॉलिटिकल करियर की शुरउात की थी। बाद में वह दिल्ली की सीएम और केंद्र में मंत्री भी रहीं।
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मुलायम सिंह यादव प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से लेने के बाद इटावा के केके कॉलेज चले गए। वहा वह छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। कॉलेज के दिनों में वह लोहिया के साथ जुड़े औऱ फिर आगे चलकर यूपी जैसे बड़े राज्य के सीएम भी बने। (यह भी पढ़ें- मुलायम को कॉलेज में ही MLA साहब कहने लगे थे लोग, जानिए क्यों)
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बीजेपी के बड़े नेता रहे दिवंगत अरुण जेटली भी छात्र राजनीति से निकले थे। वह 1974 में दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष बने थे।
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लालू प्रसाद यादव भी छात्र राजनीति से निकले हैं। उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई की और वहीं स्टूडेंट यूनियन के प्रेसीडेंट भी बने थे।
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ममता बनर्जी 1970 में कोलकाता में कांग्रेस के छात्र संगठन, ‘छात्र परिषद’, के साथ जुड़ीं और तेज़-तर्रार महिला नेता के तौर पर उभरीं। वह तीसरी बार पश्चिम बंगाल की सीएम बनी हैं। ममता केंद्र में भी मंत्री रह चुकी हैं। (यह भी पढ़ें – ‘आप मानेंगी नहीं तो मैं खाना नहीं खाऊंगा..’, जब ममता बनर्जी से जिद कर बैठे थे PM अटल बिहारी)
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बिहार के सीएम नीतीश कुमार पटना में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए छात्र नेता के तौर पर उभरे थे। वह बिहार अभियंत्रण महाविद्यालय स्टुडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष भी रहे हैं।
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सीताराम येचुरी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में पढ़ते हुए 1974 में छात्र संगठन स्टुडेंट्स फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया (एसएफ़आई) से जुड़े। आपातकाल में जेल गए पर रिहा होने के बाद तीन बार जेएनयू के छात्र संघ का चुनाव भी जीता।
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असम के पूर्व सीएम प्रफुल्ल कुमार महंता भी छात्र राजनीति से निकले हैं। वह गुवाहाटी में वकालत की पढ़ाई करते हुए छात्र संगठन, ‘अखिल असम छात्र संघ’ से जुड़े और 1979 में उसके अध्यक्ष बनाए गए थे।
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डी राजा अपने गांव में ग्रेजुएशन करने वाले पहले छात्र थे। वह मद्रास विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों में पढ़ाई करते व़क्त छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। आगे चलकर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव भी बने।
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राजस्थान में कांग्रेस के बड़े नेता सीपी जोशी मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष रहे। उसके बाद वह विधायक और सांसद भी बने। यूपीए सरकार में वह केंद्रीय मंत्री भी रहे। (यह भी पढ़ें – मुलायम के फैसलों में दिखती थी अमर सिंह की छाप, भारतीय राजनीति में मशहूर है दोस्तों की ये 7 जोड़ियां)