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भारतीय राजनीति में कई ऐसे नाम रहे हैं जिन्होंने बहुत बड़ा मुकाम हासिल किया। कोई देश का प्रधानमंत्री बना तो कोई किसी राज्य का मुख्यमंत्री। कुछ नेता तो दोनों ही पदों पर रहे। उनके पदचिन्हों पर चलते हुए उनके बेटों ने भी राजनीति को ही बतौर करियर चुना। हालांकि ये लोग राजनीति में वो मुकाम हासिल नहीं कर पाए जो उनके पिता को नसीब हुआ था। आइए डालते हैं ऐसे ही चंद चर्चित नामों पर एक नजर:
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दिवंगत लाल बहादुर शास्त्री 1964 से 1966 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उनके तीनाें बेटे, अनिल शास्त्री और सुनील शास्त्री और हरिकृष्ण शास्त्री राजनीति में आए। तीनों ही बेटे राजनीति में वो मुकाम हासिल नहीं कर सके तो उनके पिता ने किया था।
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चंद्रशेखर देश के बहुत बड़े नेता थे। वह अपनी क्रांतिकारी सोच और तीखे तेवरों के लिए युवा तुर्क के नाम से चर्चित रहे। चंद्रशेखर 1990 में करीब 11 महीने के लिए प्रधानमंत्री बने थे।
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दिवंगत चंद्रशेखर के दो बेटे हैं। पंकज शेखर और नीरज शेखर। नीरज शेखर ने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया। लेकिन नीरज अपने राजनीतिक जीवन में एक सांसद से ज्यादा कुछ नहीं बन पाए।
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पीवी नरसिम्हा राव की गिनती देश के बड़े राजनेताओं में होती रही है। वह 1991 से 1996 तक 5 सालों तक देश के प्रधानमंत्री रहे। अपनी कार्यशैली के लिए चर्चित रहे नरसिम्हा राव के दोनों बेटे, रंगा राव और राजेश्वर राव, भी राजनीति में रहे। रंगा राव विधायक तो राजेश्वर राव सांसद रहे। दोनों अपने पिता जैसा राजनीतिक कद नहीं बना पाए।
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दिवंगत विश्वनाथ प्रताप सिंह 1989 से 1990 तक देश के पीएम रहे। वह यूपी जैसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री भी बने। उनके बेटे अजय प्रताप सिंह भी राजनीति में आए लेकिन कोई खास पहचान नहीं बना पाए। फिलहाल वह एक्टिव पॉलिटिक्स से दूर हैं।
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इंद्र कुमार गुजराल देश भारत के 12वें प्रधानमंत्री थे। वह करीब 9 महीने पीएम रहे। इसके अलावा गुजराल केंद्र में सूचना प्रसारण मंत्री और विदेश मंत्री भी रहे थे। उनके बेटे नरेश गुजराल भी राजनीति में हैं। वह शिरोमणि अकाली दल में हैं। राज्यसभा सांसद नरेश गुजराल भी अपने पिता जितनी ख्याति नहीं अर्जित कर पाए।