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अगर आप जापान में जाएंगे तो देखेंगे कि जो हम रोज़मर्रा की जिंदगी में अक्सर करते हैं, वहां सभी पर पाबंदी लगी है। हर चीज के लिए नियम बने हैं और सख्ती है। लेकिन सच इससे बिल्कुल अलग है। जापान नियमों का नहीं, विचारशीलता (Consideration) का देश है। यहां लोग यह सोचकर चलते हैं कि उनके व्यवहार का असर दूसरों पर कैसे पड़ेगा। (Photo Source: Pexels)
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जापानी संस्कृति की बुनियाद ही इस सोच पर टिकी है, ‘मैं क्या कर रहा हूं, इससे सामने वाले को कोई असुविधा तो नहीं?’ यही वजह है कि वहां कुछ आदतें और ‘ना’ कहे जाने वाले व्यवहार देखने को मिलते हैं। (Photo Source: Pexels)
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टिप देना क्यों माना जाता है गलत?
जापान में टिप देना शिष्टाचार के खिलाफ माना जाता है। यहां सेवा देना कर्मचारी का कर्तव्य और सम्मान का विषय है। अच्छी सर्विस के बदले अतिरिक्त पैसे देना ऐसा समझा जाता है जैसे आपने उसके काम की कीमत लगा दी। जापानी समाज में सेवा दिल से की जाती है, पैसों के लिए नहीं। (Photo Source: Pexels) -
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में फोन पर बात क्यों नहीं?
जापान की ट्रेनें और बसें दुनिया की सबसे शांत सार्वजनिक जगहों में गिनी जाती हैं। फोन पर तेज आवाज में बात करना असभ्य माना जाता है, क्योंकि इससे दूसरों की निजी जगह (personal space) में दखल होता है। यहां लोग फोन को साइलेंट मोड में रखते हैं और जरूरत होने पर मैसेजिंग को प्राथमिकता देते हैं। (Photo Source: Pexels) -
किसी व्यक्ति या वस्तु की ओर उंगली दिखाना
किसी व्यक्ति या चीज की ओर उंगली से इशारा करना जापान में बदतमीजी समझी जाती है। इसे सामने वाले के प्रति सम्मान की कमी माना जाता है। यहां सम्मान सिर्फ शब्दों में नहीं, हाव-भाव में भी जरूरी है। (Photo Source: Pexels) -
घर में जूते पहनना क्यों मना है?
जापान में जूते पहनकर घर में घुसना बड़ी गलती मानी जाती है। जूते बाहर की गंदगी और नकारात्मकता के प्रतीक हैं, इसलिए घर में प्रवेश से पहले उन्हें उतारना जरूरी है। यहां अधिकतर घरों, स्कूलों और पारंपरिक होटलों में अलग स्लिपर दिए जाते हैं। (Photo Source: Pexels) -
चावल में चॉपस्टिक खड़ी क्यों नहीं रखते?
चावल के कटोरे में चॉपस्टिक सीधी खड़ी करना मौत और अंतिम संस्कार से जुड़ा संकेत माना जाता है। यह दृश्य केवल मृतकों के लिए किए जाने वाले अनुष्ठानों में देखा जाता है, इसलिए सामान्य भोजन में इसे अपशकुन माना जाता है। (Photo Source: Pexels) -
चलते हुए खाना क्यों नहीं खाते?
जापान में चलते-फिरते खाना अनुशासनहीनता और लापरवाही की निशानी है। यह माना जाता है कि खाना एक जिम्मेदारी और सम्मान का काम है, उसे समय और जगह दोनों चाहिए। लोगों का मानना है कि खाने पर पूरा ध्यान होना चाहिए और सार्वजनिक जगह गंदी नहीं होनी चाहिए। इसलिए लोग खाना खरीदकर किसी तय जगह पर खड़े होकर या बैठकर खाते हैं। (Photo Source: Pexels) -
सार्वजनिक जगहों पर शोर क्यों नहीं?
जापान में लाउड बिहेवियर सामाजिक अनुशासन के खिलाफ माना जाता है। ऊंची आवाज में बात करना या हंसना दूसरों की शांति भंग करना माना जाता है। यहां शांत रहना कमजोरी नहीं, बल्कि सामाजिक समझदारी है। यह आदत शहरों को भीड़ के बावजूद शांत और व्यवस्थित बनाए रखती है। (Photo Source: Pexels)
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