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आमिर हुसैन लोन जम्मू एवं कश्मीर परा क्रिकेट टीम के कप्तान हैं। आमिर दोनों हाथ न होने के बावजूद क्रिकेट खेलते हैं। बचपन में पिता की बल्ला तैयार करने वाली इकाई में दुर्घटना में दोनों हाथ कट गए। बावजूद इसके बैटिंग व बॉलिंग दोनों करते हैं। (Photo: PTI)
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आमिर अपने बाए कंधे और सिर के बीच में बल्ले को रखकर खेलते हैं। दाएं पैर की अंगुलियों में गेंद फंसाकर वह बॉलिंग करते हैं। वे लेग स्पिनर कराते हैं। (Photo:PTI)
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आमिर की जिंदगी बचाने में चिकित्सकों और सेना ने अहम भूमिका निभाई लेकिन यदि आज वह अपना सपना जी रहे हैं तो इसका श्रेय उनके पिता बशीर अहमद लोन को जाता है। जिन्होंने बेटे के उपचार में सारी पूंजी लगा दी थी। आमिर ने 1997 में पिता की आरा मशीन में दोनों हाथ गंवा दिए थे। (Photo:PTI)
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आमिर अपने भाई के लिए लंच लेकर वहां गए थे। जब उनका भाई लंच कर रहा था तब आमिर ने बल्ले तैयार करने के लिये उपयोग में लाई जाने वाली मशीन चला दी। तभी उनके दोनों हाथ कन्वेयर बेल्ट में फंस कर कट गए। आमिर के इलाज के लिए उनके पिता बशीर अहमद को बैट बनाने की फैक्ट्री भी बेचनी पड़ी। (Photo: PTI)
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आमिर पैरों की मदद से ही खाना खाते हैं और लिखते व दाढ़ी भी बनाते हैं। आमिर ने कॉलेज तक पढ़ाई की है। उन्होंने बताया कि तीसरी कक्षा में अध्यापक ने उन्हें पढ़ाई छोड़ने को कह दिया था। (Photo: PTI)
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वे सचिन तेंदुलकर को आदर्श मानते हैं और उनकी ही तरह स्क्वॉयर लेग की दिशा में फ्लिक करते हैं। (Photo: PTI)
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आमिर कहते हैं कि बल्लेबाजी को लेकर तो कुछ खास बात नहीं है। लेकिन गेंदबाजी को लेकर वह खुद ही हैरान है। यह चमत्कार जैसा लगता है। शुरुआत में लोग मेरा मजाक उड़ाते थे लेकिन बाद में साथ देने लगे। दादी ने स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया।
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आमिर ने बताया, जब दुर्घटना में उनके दोनों हाथ कट गए तो कई लोगों ने पापा से कहा कि मैं उनके लिए बोझ बन गया हूं। लेकिन मैंने ठाना कि ऐसा नहीं होगा। मैंने लड़ने का फैसला किया। मैं तेंदुलकर का धुर प्रशंसक हूं और उनकी तरह राष्ट्रीय टीम में खेलना चाहता था। वह मेरे लिए प्रेरणा है।’