देश में मंडल आयोग को लागू करना एक ऐतिहासिक फैसला माना जाता है। इसके बाद देश की राजनीति पूरी तरह से बदल गई थी। ये बात साल 1990 की है जब मंडल आयोग को लेकर सिफारिश की गई थी। ये सिफारिश उस वक्त के तत्कालिन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने की थी। मंडल आयोग की सिफारिश में पिछड़े वर्ग को सरकारी नौकरी में 27 फीसदी आरक्षण देने की बात कही गई थी। इस आयोग के गठन में बिहार से सांसद रहे राम अवधेश सिंह की भी अहम भूमिका रही थी। आज हम आपको मंडल आयोग के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। साल 1989 के चुनाव में जनता दल ने अपने घोषणा पत्र में ये ऐलान किया था कि वो सत्ता में अगर आती है तो मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू किया जाएगा। इसके बाद साल 1990 में वीपी सिंह की सरकार बनी और तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने 7 अगस्त 1990 को मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करने का ऐलान कर दिया। इसमें पिछड़े वर्ग को सरकारी नौकरी में 27 फीसदी आरक्षण देने की बात कही गई थी। मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू होने के बाद देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। इस कमीशन के खिलाफ सवर्ण छात्रों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इसी कड़ी में दिल्ली विश्वविद्यालय के एक छात्र ने विराध जताते हुए आत्महत्या कर ली थी। इतना ही नहीं पटना में मंडल कमीशन का विरोध कर रहे लोगों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई थी और पुलिस की ओर से की गई फायरिंग में 4 छात्रों की मौत हो गई थी। हालांकि आरक्षण लागू करने से पहले ही वीपी सिंह की सरकार गिर गई। (All Images Indian Express Archieve)
