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भारत की पांच कंपनियों की सात मशहूर गाड़ियां क्रैश टेस्ट में फेल हो गई हैं। जिन गाड़ियों पर यह टेस्ट किया गया उनमें महिंद्रा की स्कॉर्पियो, हुंदई की इओन, मारुति सिलेरियो, मारुति सुजूकी की ईको और रेनो क्विड के तीन मॉडल शामिल थे। जानिए यह क्रैश टेस्ट आखिर होता क्या है-
ग्लोबल न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम (NACP) के क्रैश टेस्ट में भारत की 7 गाड़ियां फेल हो गई। इसमें स्कॉर्पियो, इओन,सिलेरियो, सुजूकी और क्विड जैसे बड़े मशहूर नाम शामिल हैं। -
NACP ने पिछले तीन सालों में 16 गाड़ियों पर यह टेस्ट किया है। इसमें से टोयोटा और वॉक्सवैगन ही 4 प्वॉइंट लेने में कामयाब हुईं।
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क्रैश टेस्ट एक ऐसा विनाशकारी टेस्ट होता है जिसे गाड़ी में बैठने वाले लोगों की सुरक्षा जांचने के लिए किया जाता है। इससे कई तरीकों से गाड़ी की मजबूती देखी जाती है। क्रैश टेस्ट एक दो नहीं पूरे 9 तरीके से किया जा सकता है।
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भारत सरकार भी Bharat NCAP नाम का एक ऐसा प्रोग्राम लाना चाहती है जिससे भारत की मार्केट में गाड़ियों के आने से पहले इस टेस्ट को किया जा सके, पर उससे भी बवाल है। सरकार इस टेस्ट के लिए 56 KM की स्पीड रखना चाहती है, वहीं बाहर के देशों में यह 64 KM की है।
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यूके के इस संगठन ने टेस्ट की गई इन सारी गाड़ियों को टेस्ट में फेल करके जीरो प्वाइंट्स दिए हैं। यानी इनमें ट्रेवल करना खतरे से खाली नहीं है।