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जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले स्क्वॉड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ का पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार उनके पैतृक स्थान चंडीगढ़ पहुंचा। शहीद सिद्धार्थ को लेने के लिए उनकी पत्नी स्क्वाड्रन लीडर आरती सिंह एयरपोर्ट पर पहुंची। आज विंग कमांडर का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पर कल से लोगों का हुजूम दिखा। 2013 में ही सिद्धार्थ वशिष्ठ ने एयरफोर्स में स्क्वॉडन लीडर आरती सिंह से शादी की थी। 27 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में सिद्धार्थ का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और 31 साल की उम्र में वह देश के लिए शहीद हो गए। इस दुर्घटनाग्रस्त में विंग कमांडर के अलावा 4 और एयरफोर्स सर्विसमैन शहीद हुए हैं। इनमें एक सरजेंट, 2 कॉर्पोरल रैंक, एक स्क्वॉडन लीडर सहित एक नागरिक की जान गई है। देखिए विंग कमांडर के अंतिम विदाई की भावुक तस्वीरें। (All pics- Indian Express)
सिद्धार्थ की जांबाज पत्नी आरती सिंह भी एयरफोर्स में स्क्वाड्रन लीडर हैं। वह पति के शव को लेने अपनी यूनिफॉर्म में पहुंची थीं। एयरपोर्ट पर उन्होंने आसुओं को रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन जैसे ही विंग कमांडर का शरीर घर पहुंचा तो आरती खुद को रोक नहीं पाईं और रोने लगीं। -
विंग कमांडर की बहन का रो-रोकर बुरा हाल है। वह अपने भाई के तिरंगे में लिपटे ताबूत से लिपटकर रोती रहीं।
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बेटे को देख उनके माता-पिता भी बेहद दुखी हैं। शहीद के पिता का कहना है कि बेटे ही नहीं बल्कि उनकी 4 पीढ़ियां फौज में रही हैं, लेकिन देश के लिए शहीद होने का गर्व सिर्फ उनके बेटे को ही मिला। पिता को बेटे के जाने जितना गम है उससे कहीं ज्यादा उन्हें गर्व भी है।
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विंग कमांडर सिद्धार्थ के पिता जगदीश कंसल भी फौज से रिटायर हैं। सिद्धार्थ का एमआई-17 हेलीकॉप्टर में घाटी के बडगाम के गारेंद कलां गांव के मैदान में क्रैश हुआ था।
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31 साल की उम्र में सिद्धार्थ ने शहीद होकर भारत मां का कर्ज तो चुका दिया लेकिन इस परिवार से उनका बहुत कुछ छिन गया।
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शहीद के शव को लाते वायुसेना के अधिकारी।